कर्जमाफी के लिए नहीं स्पष्ट प्रावधान, जुलाई तक करना पड़ सकता है इंतजार!

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भोपाल। मध्य प्रदेश में पहले चरण में करीब 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफी किया जाना है। इसके लिए 22 फरवरी से राशि किसानों के खाते में भेजने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इतने बड़े पैमाने पर कर्ज माफी करने के लिए सरकार को 30 हजार करोड़ की जरूरत पड़ने वाली है। बुधवार को विधानसभा में लेखानुदान पेश किया गया। इसमें वित्त मंत्री ने कृषि विभाग को सर्फ छह हजार करोड़ ही आवंटित किए हैं। जबकि, जरूरत 30 हजार करोड़ की है। कृषि विभाग को ही कर्जमाफी करना है। 

दरअसल, आज विधानसभा में वित्त मंत्री तरूण भनोत ने कांग्रेस सरकार का पहला लेखानुदान पेश किया। इसमें किसानों के लिए सिर्फ छह हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। कमलनाथ सरकार भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है। नई सरकार ने दो बार बाजार से कर्ज भी उठाया है। फिजूलखर्ची के नाम पर भी कई विभागों में कटौति की गई है। लेकिन फिर भी सरकार को किसानों का कर्ज चुकाने के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है। कृषि विभाग को किसानों के कर्ज की रकम बैंक में जमा करनी है। ऐसे में विभाग कहां से और कैसे शेष राशि का इंजेताम करता है ये देखने वाली बात होगी।  वर्ष 2018-19 के दूसरे अनुपूरक बजट में कर्जमाफी के लिए पांच हजार करोड़ रुपए दिए गए थे। वर्ष 2019-20 के लेखानुदान में कृषि विभाग को छह हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। हालांकि इसमें अभी कर्जमाफी के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं है।


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