भोपाल। प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले मामले में शनिवार को सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की। पूर्व मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता लक्ष्मीकांत शर्मा को बड़ी राहत मिली है। व्यापमं द्वारा आयोजित परिवहन भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले मामले में सीबीआई को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए उनपर केस नहीं चलेगा। सीबीआई ने उन्हें क्लीनचिट दे दी है। यही नहीं उनके साथ आठ और अन्य लोगों को इस मामले में क्लीनचिट मिल गई है। यह मामला व्यापमं घोटाले से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक था।
दरअसल, शनिवार को सीबीआई ने 26 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल सीबीआई कोर्ट में 74 पेज का चालान पेश किया। परिवहन आरक्षक भर्ती मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के खिलाफ जांच एजेंसी को कोई सबूत नहीं मिले हैं। उनके अलावा इस मामले में पूर्व ओएसडी ओपी शुक्ला समेत 8 अन्य को भी सीबीआई ने क्लीनचिट दी है। परिवहन आरक्षक भर्ती घोटाले में लक्ष्मी कांत शर्मा आरोपी थे| ये परीक्षा भी व्यापम द्वारा कराई गई थी| इस मामले की STF ने जांच की थी जिसमें शर्मा को दोषी पाया गया था। बाद में ये केस जांच के लिए सीबीआई को सौंपा गया| स्पेशल कोर्ट में सीबीआई ने बताया कि इन सभी के खिलाफ मामला चलाने की जरूरत नहीं है क्योंकि जांच एजेंसी एसटीएफ को इनके खिलाफ केस चलाने के लिए सबूत नहीं मिले हैं। शनिवार को सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की अदालत में पेश चालान में लिखा है कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने से इनके खिलाफ चालान पेश नहीं किया जा रहा।
बता दें कि लक्ष्मीकांत शर्मा शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। व्यापमं के कई घोटालों में उन्हें आरोपी बनाया गया है| इन्ही आरोपों के चलते लक्ष्मीकांत शर्मा एक साल की जेल भी काट चुके हैं| वहीं सीबीआई की क्लीन चिट के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं, क्यूंकि STF की जांच में उन्हें दोषी बताया गया था। सवाल यह है कि किसकी जांच सहीं है। मामला अदालत पहुंच चुका है और अब अदालत को ही संज्ञान लेना है। कानून के जानकारों की माने तो सीबीआई की जार्चशीट में क्लीन चिट मिलने के बाद ऐसी स्थिति में आरोपियों के न्यायालय से बरी होने की औपचारिकता महज बाकी है।