भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में सत्ता से बाहर हुई भारतीय जनता पार्टी अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। भाजपा 27 सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है। साथ ही पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि हमारा फोकस कांग्रेस की गढ़ कही जाने वाली सीटों पर है। इसी के साथ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, उन्होंने पूर्व में कहा था कि वह दिल्ली नहीं जाना चाहते और प्रदेश में रहकर जनता की सेवा करना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी उन्हें दो सीटों पर चुनाव लड़वाने पर विचार कर रही है।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी प्रदेश में इस बार ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत चाहती है। हाल ही में विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 14 सीटें मिलती दिख रही हैं। लेकिन पार्टी 2014 का प्रदर्शन दोहराना चाहती है। शिवराज सिंह चौहान अगर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो दो सीटों के विकल्प खुले हैं। एक सीट विदिशा है तो दूसरी छिंदवाड़ा लोकसभा सीट, जहां उनके सामने कांग्रेस से मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ मोर्चा संभाल सकते हैं। फिलहाल बीजेपी शिवराज सिंह के चुनाव लड़ने को लेकर न तो हां कह रही है और न ही इन्कार कर रही है।
सीएम कमलनाथ के बेटे पर बीजेपी ने साधा निशाना
कयास लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी जगह कांग्रेस उनके बेटे नकुल को टिकट दे सकती है। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि को नेता नहीं कर रहा है। बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिये सूबे के सहप्रभारी सतीश उपाध्याय ने निशाना साधते हुए कहा कि नकुल सक्रिय राजनीति में कम दिखते हैं लेकिन पिता के मध्यप्रदेश लौटने के बाद वो कई दफे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नजर आए हैं। हमारी पार्टी में संसदीय बोर्ड उम्मीदवार का चयन करता है। इस बार भी हमे विश्वास है कि बोर्ड जीताऊ उम्मीदवार ही देगा। बीजेपी लोकसभा चुनावों की रणनीति बनाने में जुट गई हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार का असर लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण पर पड़ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक जहां चार से अधिक विधानसभा सीटों में भाजपा के विधायक हारे हैं, ऐसे सांसदों के टिकट पर संकट आ सकता है। पार्टी ने इस फार्मूले पर काम किया तो 12 सांसदों के टिकट कट सकते हैं। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में फिलहाल, 26 बीजेपी के पास हैं, जबकि तीन कांग्रेस के पास। जीत के लिये बीजेपी ने 18 का फॉर्मूला अपनाने की सोची है, यानी राज्य की हर लोकसभा सीट पर 18 पदाधिकारियों की टीम काम करेगी।