भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एमपी (MP) में 27 सीटों पर उपचुनाव (By-election) होना है, इसके लिए कांग्रेस (Congress) ने 15 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है, लेकिन नामों की घोषणा होते ही पार्टी में असंतोष और अंर्तकलह बढ़ने लगा है। नाराज दावेदार कभी नेताओं के सामने तो कभी मीडिया के सामने अपने नाराजगी जाहिर कर रहे है। खास करके भांडेर विधानसभा सीट (Bhander assembly seat) पर ज्यादा नाराजगी देखने को मिल रही है। पूर्वमंत्री महेंद्र बोध ने तो टिकिट न मिलने से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) के सामने नाराजगी जाहिर की है।
दरअसल, दतिया जिले की भांडेर (Bhander) आरक्षित सीट से कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता फूल सिंह बरैया (Phool Singh Baraiya) को अपना प्रत्याशी बनाया है, लेकिन इस सीट से कई प्रबल दावेदारों के नाम चर्चा में बने हुए थे, जिसमें एक नाम पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध का भी शामिल था। यहां तक की स्थानीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सेवड़ा विधायक कुंवर घनश्याम सिंह, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती आदि के अलावा तमाम नेताओं द्वारा महेंद्र बौद्ध के पक्ष में हाई कमान से टिकट दिए जाने की मांग भी की थी, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व गृहमंत्री महेंद्र बौद्ध को दरकिनार कर वरिष्ठ कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया को मैदान में उतार दिया, जिसके चलते महेंद्र बौद्ध नाराज हो गए , उन्होंने भरी सभा में दिग्विजय के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की है।
दतिया के भांडेर में सभा के दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने मंच पर दर्द छलक पड़ा। बौद्ध ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अब तक 6 बार टिकट कट चुका है। 50 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। भांडेर से जिन्हें टिकट दिया गया है, वह तिलक, तराजू व तलवार का नारा देकर लोगों काे जातिगत रूप से बांटने का काम करते हैं लेकिन हम यह नहीं चलने देंगे।राजा साहब मेरे साथ लगातार अन्याय हो रहा है।वही उन्होंने कहा कि बरैया जी को इतने बड़े कद के नेता है कि कही से भी चुनाव लड़ सकते है।हालांकि भावुक हुए बौद्ध को दिग्विजय ने यह कहकर मनाया कि हम पीछे हट नहीं सकते हैं, चर्चा करेंगे, बातचीत करेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे। अन्याय तो हुआ है लेकिन क्या कर सकते हैं। मैं टिकट वितरण में कतई हस्तक्षेप नहीं कर रहा हूं।
बता दे कि कांग्रेस के लिस्ट जारी करते ही विरोध के स्वर तेजी से फूट रहे है। सिर्फ भांडेर विधानसभा ही नही अंबाह और नेपानगर सीट पर भी घोषित कांग्रेस प्रत्याशियों का विरोध किया जा रहा है,ऐसे में चुनाव से पहले अपनों को मनाना , अंतर्कलह और पनपे असंतोष को कम करना कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है, अगर ऐसा करने में कांग्रेस असमर्थ रही तो उपचुनाव में बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कौन सा दांव खेल अपनों को साधती है और चुनाव की राह से कांटे हटाती है।