जबलपुर।
मध्यप्रदेश में करीब ढाई हज़ार करोड़ रुपयों के हवालाकांड की जांच कर रहे आयकर विभाग की टीम को कटनी में छापामार कार्यवाई के दौरान अहम दस्तावेज मिले हैं। कटनी के कोयला कारोबारी सतीश सरावगी के ठिकानों पर छापामार कार्यवाई के बाद खुलासा हुआ है कि नोटबंदी के दौरान बोगस कंपनियों के ज़रिए करोडों रुपयों की ब्लैकमनी को व्हाईट कर लिया गया।
कोयला कारोबारी सतीश सरावगी के साथ रीवा के मनीष गुप्ता, संजय मिश्रा, कटनी के अरुण गोयल और दिल्ली के चंद्रभूषण बजाज की पार्टनरशिप सामने आई है। इन कारोबारियों की महाकालेश्वर ग्रुप , मोहित मिनरल्स और महाकाल माईन्स के नाम से कंपनियां संचालित हैं। इनमें दिल्ली के कारोबारी चंद्रभूषण बजाज की भूमिका कागजों पर चलने वाली फर्जी पेपर कंपनी चलाने में सामने आई है जिसकी मदद से 1700 फर्जी पेपर कंपनियों के ज़रिए 500 करोड़ रुपयों की ब्लैकमनी, व्हाईट की गई। ख़ास बात ये है कि बोगस कंपनियां ऐसे मज़दूरों के नाम पर संचालित की जाती रहीं जिन्हें अपने नाम पर कोई कंपनी होने की भनक तक नहीं थी। फिलहाल मामले की जांच कर रहे आयकर विभाग के अधिकारी जल्द ही औपचारिक तौर पर बड़ा खुलासा करने की बात कह रहे हैं।