इंदौर, आकाश धोलपुरे। मानवता और मानवीय मूल्यों को ताक पर रख देने वाला एक वीडियो इंदौर में आज तेजी से वायरल हो गया, जो कि इंदौर और देवास की सीमा का है। जहां इंदौर के मुहाने पर स्थित क्षिप्रा नदी के करीब, जानवरों की तरह ठूंस कर लाये गए बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को शहरी सीमा से भगाने के बड़े षड्यंत्र का खुलासा हुआ। जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए है।साथ ही प्रताप सोलंकी को भोपाल में नगरीय विकास संचालनालय अटैच किया गया है। इसके साथ ही इंदौर में आज हुई घटना के समय मौजूद नगर निगम के दो कर्मचारियों को बर्खास्त करने के निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश देते हुए कहा कि बुजुर्गों के प्रति अमानवीय व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। कलेक्टर को निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि कि बुजुर्गों की समुचित देखभाल की जाए।
वहीं शिवराज सरकार के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट कर मामले को संज्ञान में लेने की जानकारी दी। मंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि इंदौर में बुजुर्गों के साथ हुआ मामला संज्ञान में आते ही आयुक्त इंदौर नगर निगम को दोषी अधिकारी /कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश दे दिए हैं।
इंदौर में बुजुर्गों के साथ हुआ मामला संज्ञान में आते ही आयुक्त इंदौर नगर निगम को दोषी अधिकारी /कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश दे दिए हैं। @ChouhanShivraj @OfficeofSSC
— Bhuppendra Siingh (Modi ka parivar) (@bhupendrasingho) January 29, 2021
वहीं अपने अगले ट्वीट में मंत्री भूपेंद्र सिंह लिखते है कि इंदौर में बुजुर्गों के साथ हुई घटना पर सख्त कार्रवाई करते हुए एक अधिकारी और एक कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई है। सभी सम्मानीय बुजुर्गों को रेन बसेरा भेज दिया गया है।
इंदौर में बुजुर्गों के साथ हुई घटना पर सख्त कार्रवाई करते हुए एक अधिकारी और एक कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई है। सभी सम्मानीय बुजुर्गों को रेन बसेरा भेज दिया गया है। @ChouhanShivraj @OfficeofSSC
— Bhuppendra Siingh (Modi ka parivar) (@bhupendrasingho) January 29, 2021
बता दें कि ये वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो समूचे शहर ने निगम अधिकारियों और उनकी कार्यप्रणाली को कोसना शुरू कर दिया। मानवता को शर्मसार करने और मानवीय मूल्यों को हाशिये पर रख निगम के 6 से ज्यादा कर्मचारी ऐसा कृत्य करने वाले थे। लेकिन निगम ने रैन बसेरों की देख रेख करने वाले 2 कर्मचारियों को बर्खास्त कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। वायरल वीडियो के सामने आने के बाद ये जानकारी तो सामने आई है कि बुजुर्गों को शहर में वापस ले आया गया है। लेकिन अब सवाल निगम अधिकारियों सहित अन्य लोगो पर उठ रहे है।
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वहीं कांग्रेस ने तो इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाना कर तीर्थ दर्शन और अन्य योजनाओं को सीएम शिवराज को घेरने की कोशिश की। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया हैं की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुजुर्गों की तीर्थ योजना का सच सामने आ गया हैं। इन्दौर शहर में सड़क किनारे गरीब बुजुर्गों को रैन बसेरा में पनाह देने के बजाय नगर निगम के ट्रक में भेड़ बकरियों की तरह भरकर शिप्रा के पास फेंक दिया गया।शिवराज सरकार का यह कृत्य मानवता को शर्मसार करने वाला हैं। उन्होंने मांग की है कि मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर माफ़ी मांगे और दोषियों पर सख़्त कार्रवाई मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए।
सीएम के सपनो के शहर की कमान फिलहाल, निगम अधिकारियों के पास है और घटना के कई घण्टे बीत जाने के बाद आखिरकार निगम अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर को सफाई देने के लिये मीडिया के सामने आना पड़ा। उन्होंने बताया कि रैन बसेरे में कार्यरत कर्मचारी ब्रजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी की सेवा समाप्त कर दी गई है। अपर आयुक्त ने ये भी कहा कि मिस हैंडलिंग के चलते ये सबकुछ हुआ है और निगम पूरे मामले की विभागीय जांच करवाएगा। अभय राजनगांवकर ने बताया कि शहर में पर्याप्त रैन बसेरे है और निगम के आदेश के तहत ठंड के मौसम में बुजुर्गों को रखने की व्यवस्था भी की गई है ऐसे में ये सब कुछ कैसे हुआ इसकी जांच करवाई जाएगी।
बता दें कि वायरल वीडियो में निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के वाहन में दो नही बल्कि 6 से 7 कर्मचारी नजर आ रहे है। वही शहर में 10 रैन बसेरे होने के बावजूद बुजुर्गों को जानवरो की तरह किसके आदेश पर ले जाया गया है इस पर भी सवाल बने हुए है।