NEET परीक्षा को लेकर जीतू पटवारी ने किए सवाल, कहा ‘लाखों बच्चों का भविष्य असमंजस में, जवाब दो मोदी सरकार’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को देश को यह बताना ही चाहिए कि एक ही परीक्षा सेंटर पर 6 टॉपर कैसे ? क्योंकि टॉपर्स की मेरिट लिस्ट में 8 छात्रों के रोल नंबर एक ही सीरीज के हैं। देश के लाखों स्टूडेंट्स अब बिना ग्रेस मार्क्स के NEET की ओरिजिनल मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं।

Jitu Patwari

NEET Exam Result 2024 controversy : नीट यूजी परीक्षा 2024 परिणामों को लेकर हंगामा जारी है। अनियमितता और ग्रेस मार्क्स देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं और एनटीए ने जाँच कमेटी का गठन भी किया है। कई स्थानों पर स्टूडेंट्स री-एग्ज़ाम की माँग कर रही हैं। इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार से कई सवाल किए हैं। उन्होंने कहा कि लाखों बच्चों का भविष्य दांव पर है और इसके लिए बीजेपी सरकार ज़िम्मेदार है।

जीतू पटवारी ने नीट परीक्षा को लेकर सरकार से किए सवाल

जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि ‘प्रधानमंत्री जी, डबल इंजन सरकार के नेतृत्व में प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर भर्ती परीक्षाओं तक यदि किसी प्रदेश में सबसे ज्यादा शर्मनाक दौर देखा है तो वह हमारा मध्य प्रदेश है। NEET के माध्यम से एक बार फिर देश के लाखों बच्चों का भविष्य गंभीर असमंजस का सामना कर रहा है। बीजेपी सरकार ही इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार है। केंद्र सरकार को देश को यह बताना ही चाहिए कि एक ही परीक्षा सेंटर पर 6 टॉपर कैसे ? क्योंकि टॉपर्स की मेरिट लिस्ट में 8 छात्रों के रोल नंबर एक ही सीरीज के हैं।’

‘कैसे मिले ग्रेस मार्क्स’

‘सीरियल नंबर 62 से लेकर 69 तक कुल 8 छात्र में से 6 छात्रों ने रैंक-1 हासिल की। इन सभी को 720 में से 720 अंक मिले। इन सभी ने बहादुरगढ़ स्थित एक ही एग्जाम सेंटर पर परीक्षा दी थी। कैसे 718, 719 नंबर मिले ? यह सवाल इसलिए कि कई छात्रों को 718, 719 अंक दिए गए। NTA  ने कहा था कि उन्हें ये अंक ग्रेस मार्क्स के तौर पर दिए गए हैं। दरअसल, नीट का पेपर 720 अंक का होता है और नीट की तैयारी कर रहा बच्चा बच्चा भी यह जानता है कि हर सवाल के चार अंक मिलते हैं। हर गलती के एक अंक कटते हैं। अब ऐसे में यदि कोई एक सवाल छोड़ देता है तो उसे 716 अंक मिलेंगे! यदि कोई सिर्फ एक सवाल गलत करता है तो उसे 715 अंक मिलेंगे। ऐसे में 718, 719 अंक पाना असंभव है ?’

छात्रों का भविष्य अधर में

‘ग्रेस मार्क्स जैसी “सुविधा” बिना जानकारी के क्यों लागू की गई ? इसीलिए देश के लाखों स्टूडेंट्स अब बिना ग्रेस मार्क्स के NEET की ओरिजिनल मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। मांग तो ये भी है कि जिन सेंटरों पर ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनका नाम बताया जाए। पूछा तो यह भी जाना चाहिए कि ग्रेस मार्क्स पाने का आधार क्या है ? कितना समय बर्बाद होने पर कितने नंबर दिए गए ? समय बर्बाद होने के कथित कारण कितने असली हैं ? सेंटर्स पर इसकी निगरानी करने वाले कितनी ईमानदारी से इस व्यवस्था को देख और परख रहे थे ? तीसरी बार, अविश्वास लगातार। जवाब दो मोदी सरकार ?’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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