भोपाल।
विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव ने राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ा रखी है। इसी बीच गुना कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान से नजदीकियों ने चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।खबर है कि सोमवार देर रात गुना कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे थे और दोनों के बीच करीब 45 मिनट बंद कमरे में बातचीत हुई। हालांकि क्या बातचीत हुई यह अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद और लोकसभा चुनाव से पहले इस मुलाकात ने राजनैतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है । वही भाजपा-कांग्रेस के अंदर भी माहौल गर्म हो चला है।
दरअसल, सिंधिया सोमवार रात दिल्ली से भोपाल पहुंचे । इसके बाद वे वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक जैन भाभा के निधन पर उनके निवास श्रद्धांजलि देने पहुंचे और फिर शिवराज के लिंक रोड नंबर एक स्थित निवास पर पहुंचे। यहां शिवराज ने उनका बड़ी ही गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट बातचीत हुई।जब इस बात की खबर मीडिया को लगी तो वो भी मौके पर पहुंच गया। हालांकि बाहर आने के बाद मीडिया के सामने शिवराज-सिंधिया ने इसे सौजन्य भेंट करार दिया। मुलाकात के बाद शिवराज सिंधिया को गाड़ी तक छोड़ने भी आए।
बताया जा रहा है कि भोपाल विमानतल पर उनके उतरने के बाद तक साथ चल रहे समर्थकों को भी उनकी इस मुलाकात के बारे पता नहीं था। सूत्र बताते हैं कि दोनों के बीच प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों से लेकर सरकार के कामकाज आदि मुद्दों पर बातचीत हुई। वही राजनैतिक गलियाओं में इस मुलाकात के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है। चुंकी एक तरफ भाजपा नेताओं की हत्या को लेकर कमलनाथ सरकार की घेराबंदी और कानून व्यवस्था पर सवाल खडे किए हुए है। सोमवार को प्रदेशभऱ में पूतले दहन किए गए, सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया गया, वही रात में सिंधिया का अचानक शिवराज से मिलने पहुंचना लोगों के गले से नीचे नही उतर रहा है, जब मुख्यमंत्री कमलनाथ विदेश दौरे पर हो।ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे है कि सिंधिया का खुद शिवराज से उनके घर जाकर मिलना क्या वाकई सिर्फ एक सौजन्य मुलाकात थी या फिर बीजेपी के हल्लाबोल प्रदर्शन को लेकर सिंधिया का नया दांव। अब देखना है कि दोनों नेताओं के बीच ये सौजन्य मुलाकात राजनीति में क्या नया रंग लाती है।
दोनों ने मुलाकात को बताय सौजन्य भेंट
सौजन्य मुलाकात करने आया था। बहुत सारी बातचीत हुईं। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं जो जिंदगी भर कड़वाहट लेकर पूरी जिंदगी बिताऊं। रात गई बात गई । मैं आगे की सोचता हूं। विपक्ष की प्रजातंत्र में उतनी ही भूमिका है, जितनी सत्ता पक्ष की होती है। हम लोगों का भी केंद्र में महत्वपूर्ण योगदान है, जैसा भाजपा का मध्यप्रदेश में है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस सांसद, मप्र
हमारे बीच कोई गिले शिकवे नहीं हैं। ये महज़ सौजन्य भेंट थी, लेकिन इस मुलाक़ात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीति में एक दूसरे के कट्टर विरोधी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज के बीच अचानक ये मुलाक़ात क्यों हुई।
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री, मप्र