भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में अमानक अनाज का मुद्दा गरमाया हुआ है। वहीं विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आए दिन प्रदेश सरकार पर आरोप लगाता रहता है। बुधवार को भी प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए शिवराज सरकार पर आरोप लगाए है।
पूर्व सीएम ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए ट्वीट किया कि प्रदेश में राशन दुकानों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पोल्ट्री ग्रेड के चावल के वितरण के बाद अब सड़े हुए गेहूं का वितरण किया जा रहा है। इसमें भी भारी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। आगे उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए ट्वीट किया कि पता नहीं शिवराज सरकार प्रदेश की ग़रीब जनता को जानवरो के खाने लायक़ गेहूं – चावल खिलाने पर क्यो उतारू है ? क्यो उन्हें अच्छी क्वालिटी का राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है ? इस भ्रष्टाचार का पैसा आख़िर किसकी जेब में जा रहा है ?
पता नहीं शिवराज सरकार प्रदेश की ग़रीब जनता को जानवरो के खाने लायक़ गेहूं – चावल खिलाने पर क्यो उतारू है ? क्यो उन्हें अच्छी क्वालिटी का राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है ?
इस भ्रष्टाचार का पैसा आख़िर किसकी जेब में जा रहा है ?— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 9, 2020
वहीं आज स्वनिधि योजना के तहत देश के प्रधानमंत्री द्वारा किए गए संवाद को लेकर पूर्व सीएम ने उपचुनाव का मुद्दा उठाते हुए ट्वीट किया कि आज मध्यप्रदेश में स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स से प्रधानमंत्री मोदी जी ने संवाद किया। सरकार का दावा है कि प्रदेश में 1 लाख से ज़्यादा हितग्राहियों को इस योजना का लाभ हुआ लेकिन जिन क्षेत्रों में संवाद हुआ वो वो क्षेत्र है, जहाँ उपचुनाव होना है।
आज मध्यप्रदेश में स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स से प्रधानमंत्री मोदी जी ने संवाद किया।
सरकार का दावा है कि प्रदेश में 1 लाख से ज़्यादा हितग्राहियों को इस योजना का लाभ हुआ लेकिन जिन क्षेत्रों में संवाद हुआ वो वो क्षेत्र है, जहाँ उपचुनाव होना है।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 9, 2020
वहीं आगे ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता ने सरकार पर राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के अन्य हिस्सों के हितग्राहियों का संवाद के लिये चयन आख़िर क्यों नहीं ? ये तो सरकारी योजना का सीधा साधा राजनीति करण है।
प्रदेश के अन्य हिस्सों के हितग्राहियों का संवाद के लिये चयन आख़िर क्यों नहीं ?
ये तो सरकारी योजना का सीधा साधा राजनीति करण है।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 9, 2020