भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नए साल (New Year) से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के ‘शासकीय काम से पहले बेटियों के पूजन’ का फैसला लिया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग (Department Of General Adminstration) ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। शिवराज सरकार (Shivraj Goverment) के फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने स्वागत किया है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि एक तरफ़ आपकी सरकार यह आदेश निकाल रही है , वही दूसरी तरफ़ शहडोल में एक माह में 30 मासूम बच्चे मौत की आग़ोश में समा चुके है।
दरअसल, कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि शिवराज जी आप प्रदेश में हर कार्यक्रम के पूर्व कन्या पूजन का निर्णय लीजिये, उसका सदैव स्वागत है क्योंकि हमारे समाज (Socity) में बेटियों की सर्वत्र पूजा होती है, उनका सम्मान किया जाता है, यह हमारे सामाजिक संस्कार भी है। प्रदेश में प्रतिदिन मासूम बच्चियाँ दरिंदगी का शिकार हो रही है, उन्हें आज सुरक्षा की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है। एक तरफ़ आपकी सरकार यह आदेश निकाल रही है , वही दूसरी तरफ़ शहडोल (Shahdol) में एक माह में 30 मासूम बच्चे मौत (Death) की आग़ोश में समा चुके है।
अगले ट्वीट में कमलनाथ ने लिखा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आपकी सरकार इस दिशा में गंभीर लापरवाह बनी हुई है, ऐसा लग रहा है कि स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है, मौत का आँकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। एक समीक्षा बैठक के बाद आप भी ग़ायब है। ज़रा उन मासूमों को सुरक्षा व समुचित इलाज देने का अपना दायित्व भी निभाइये।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस (Independence day) पर घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश में अब कोई भी सरकारी कार्य बेटी की पूजा करने के बाद ही शुरू किया जाएगा। इसमें सरकारी योजना (Government Scheme) की शुरुआत और सरकारी कार्यक्रम शामिल रहेंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा को अमल में लाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरूवार को इसके आदेश जारी किये हैं। आदेश में शासन के समस्त विभागों से कहा गया है कि शासकीय कार्यक्रम बेटियों के पूजन से आराम किये जाएँ, इस आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाए।
शिवराज जी आप प्रदेश में हर कार्यक्रम के पूर्व कन्या पूजन का निर्णय लीजिये , उसका सदैव स्वागत है क्योंकि हमारे समाज में बेटियों की सर्वत्र पूजा होती है , उनका सम्मान किया जाता है ,यह हमारे सामाजिक संस्कार भी है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 25, 2020
प्रदेश में प्रतिदिन मासूम बच्चियाँ दरिंदगी का शिकार हो रही है।
उन्हें आज सुरक्षा की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है।
एक तरफ़ आपकी सरकार यह आदेश निकाल रही है , वही दूसरी तरफ़ शहडोल में एक
माह में 30 मासूम बच्चे मौत की आग़ोश में समा चुके है।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 25, 2020
आपकी सरकार इस दिशा में गंभीर लापरवाह बनी हुई है , ऐसा लग रहा है कि स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है , मौत का आँकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है।
एक समीक्षा बैठक के बाद आप भी ग़ायब है।
ज़रा उन मासूमों को सुरक्षा व समुचित इलाज देने का अपना दायित्व भी निभाइये।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 25, 2020