पीएम आवास योजना को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर साधा निशाना, कहा ‘खोखली निकली मोदी की गारंटी’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने देश को गारंटी दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। उनकी वो गारंटी तो खोखली निकली। अब 3 करोड़ PM आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो।

Mallikarjun Kharge targeted the government : कांग्रेस ने पीएम आवास योजना को लेकर सरकार को घेरा है। दरअसल एक दिन पहले पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में फ़ैसला लिया कि पीएम आवास योजना में 3 करोड़ नए घर बनाए जाएँगे। इसे लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सरकार ने पिछली गारंटी पूरी नहीं की और अब जनता को नया झुनझुना पकड़ा दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सरकार को घेरा

मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर लिखा है कि ‘लोकसभा चुनाव में देश ने ऐसा जवाब दिया कि मोदी सरकार को दूसरों के घरों से कुर्सियां उधार लेकर अपना सत्ता का “घर” संभालना पड़ रहा है। 17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री जी ने देश को “मोदी की गारंटी” दी थी कि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत होगी। ये “गारंटी” तो खोखली निकली। अब 3 करोड़ PM आवास देने का ढिंढोरा ऐसे पीट रहे हैं, जैसे पिछली गारंटी पूरी कर ली हो।’

‘देश असलियत जानता है- इस बार इन 3 करोड़ घरों के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है, कोई deadline नहीं दी गई है, क्योंकि भाजपा ने पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस-UPA के मुक़ाबले पूरे 1.2 करोड़ घर कम बनवाए। कांग्रेस (2004-13) = 4.5 करोड़ घर। भाजपा (2014-24) = 3.3 करोड़ घर। मोदी जी की आवास योजना में 49 लाख शहरी आवास – यानी 60% घरों का अधिकांश पैसा जनता ने अपनी जेब से भरा। एक सरकारी बेसिक शहरी घर औसतन 6.5 लाख का बनता है, उसमें केंद्र सरकार केवल 1.5 लाख देते है। इसमें 40% योगदान राज्यों और नगरपालिका का भी होता है। बाक़ी का बोझ का ठीकरा जनता के सिर पर आता है। वो भी क़रीब 60% का बोझ। ऐसा संसदीय कमेटी ने कहा है।’

‘मोदी गारंटी की सच्चाई!’

‘समाचार पत्रों से पता चला है कि नरेंद्र मोदी जी ने वाराणसी में जो “सांसद आदर्श ग्राम योजना” के तहत 8 गाँवों को विकसित करने के लिए गोद किया था वहाँ ग़रीबों के पास, ख़ासकर दलित व पिछड़े समाज के पास अब तक पक्के घर नहीं पहुँचे। अगर कुछ घर हैं तो भी उनमें पानी नहीं पहुँचा है, नल तक नहीं है। जयापुर में, जो मोदी जी द्वारा गोद लिया गया पहला गाँव है, कई दलितों के पास घर और कार्यात्मक शौचालय नहीं हैं। नागेपुर में भी स्थिति ऐसी ही है – और इसके अलावा, सड़कें भी खराब स्थिति में हैं। परमपुर में पूरे गांव में नल लगे हैं लेकिन उन नलों में पानी नहीं है। पूरेगांव में पिछले दो महीनों से पानी की आपूर्ति नहीं थी। वहां कई दलित और यादव समाज के लोग मिट्टी के घरों में रहते हैं। मोदी जी की “Ease of Living” का मतलब “Ease of Leaving” क्योंकि लाखों घर “Unoccupied” हैं। उदाहरण के तौर पर Affordable Housing in Partnership (AHP) के तहत 5 लाख से अधिक घर ‘खाली’ हैं। ये है “मोदी की गारंटी” की सच्चाई। Media Management से बाहर निकलिए मोदी जी, जनता सब जानती है।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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