MP Board – दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बड़े बदलाव, स्टूडेंट्स को होगा ये फायदा

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। माध्यमिक शिक्षा मंडल यानि एमपी बोर्ड (MP Board) से दसवीx (class 10) और बारहवीx (Class 12) की परीक्षा दे रहे स्टूडेंट्स (Students) के लिए एक अच्छी खबर (Good News) है। बोर्ड ने अपने नियमों में बड़े बदलाव किये हैं। नये नियम के मुताबिक यदि स्टूडेंट एक बार बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया तो वो तीन महीने बाद वो फिर से परीक्षा  (Exam) दे सकता है। नये नियम में एक और फायदा ये है कि अब मार्क शीट पर सप्लीमेंट्री (Supplementary) नहीं लिखा होगा या किसी भी फेल विषय के आगे स्टार नहीं लगेगा।

माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने सत्र 2020-21 में बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए बहुत सहूलियत का निर्णय लिया है। नये नियम के मुताबिक यदि की स्टूडेंट्स परीक्षा में फेल होता है तो बोर्ड तीन महीने बाद एक परीक्षा आयोजित करेगा और उसका शुल्क चुकाकर स्टूडेंट परीक्षा दे सकते हैं। जुलानिया ने कहा कि सप्लीमेंट्री की मार्कशीट (mark sheet) देते हुए अच्छा नहीं लगता है क्योंकि अभी जो व्यवस्था है उसमें कोई भी पहचान में आ जाता है कि स्टूडेंट्स सप्लीमेंट्री परीक्षा देकर पास हुआ है। अब मार्क शीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा, केवल जिस महीने परीक्षा ली जायेगी वो महीना लिखा होगा। उन्होंने बताया कि यदि स्टूडेंट सिर्फ एक या दो विषय में फेल है तो वो तीन महीने बाद होने वाली परीक्षा में उसी विषय में शामिल हो सकता है साथ ही यदि सभी विषयों की परीक्षा देना चाहता है तो दे सकता है फिर जिस परीक्षा में अधिक अंक मिलेंगे वही मान्य किया जायेगा। नये नियम में एक और फायदा है। स्टूडेंट्स अब बारहवी में भी विषय बदल सकते हैं यानि उसने जो विषय ग्यारहवीं में लिए थे चाहे तो वो बदलकर बारहवीं में दूसरे विषय ले सकता है।

नये नियमों से ये होगा फायदा

बोर्ड के नये नियमों ने स्टूडेंट्स को सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि उनकी साल बर्बाद होने से बच जायेगी। पहले श्रेणी सुधार के लिए स्टूडेंट्स को अगले वर्ष परीक्षा देनी होती थी अब उसी साल में परीक्षा हो जायेगी। यानि स्टूडेंट श्रेणी सुधार के लिए तीन महीने बाद होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकता है। अब स्टूडेंट्स बारहवीं में विषय बदल सकता है। किसी भी विषय का स्टूडेंट्स दूसरा विषय ले सकता है और सबसे बड़ी बात उसकी मार्कशीट पर सप्लीमेंट्री नहीं लिखा होगा जो कई बार उसे शर्मिंदगी का अहसास कराता था।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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