भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। यूपी (UP) के हाथरस (Hathras) में दलित युवती (Dalit Girl) के साथ हुई घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन (Protest) हो रहे हैं। विरोधी दल और आम जनता दोनों ही हाथरस कांड को लेकर यूपी के BJP सरकार (BJP Government) पर निशाना साध रही है, ऐसे में मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) भी हाथरस कांड को मध्यप्रदेश उप चुनाव (MP By-election) में मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
दरअसल, जिस तरह से हाथरस की घटना के बाद मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया और हाल ही के दिनों में मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में महिलाओं और बेटियों के साथ दुराचार की घटना हुई है उन्हें लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश की BJP सरकार पर खासी हमलावर है। प्रदेश की बेटियों और महिलाओं के साथ हुए अत्याचार की घटनाओं को हाथरस से जोड़कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। जिससे लग रहा है कि कांग्रेस हाथरस में दलित युवती के साथ हुई घटना को मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी भुनाने की तैयारी में है।
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किंगमेकर दलित समुदाय
मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उन में से 11 सीटें आरक्षित हैं और 17 सीटें सामान्य है। उपचुनाव की अधिकतर सीटें ग्वालियर चंबल संभाग (Gwalior Chambal Division) की है, जहां दलित समुदाय को चुनाव का किंग मेकर (King Maker) माना जाता है। दलित समुदाय के बहुतायत होने और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से इलाके के सटे होने से यहां पर बहुजन समाजवादी पार्टी का भी खासा प्रभाव है। बसपा (BSP) बीते चुनावों में यहां अपनी मौजूदगी को दर्शा ही चुकी है, साथ ही हर चुनाव में अच्छा वोट बैंक भी उसे हासिल होता है।
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बसपा का खासा जनाधार
ग्वालियर चंबल अंचल की कई सीटों पर बसपा का खासा जनाधार रहा है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो यहां बसपा ने कई सीटों पर निर्णायक वोट तो हासिल किए ही थे, कुछ सीटों पर दूसरे नंबर पर भी रही थी और कुछ सीटों पर इतने वोट हासिल किए थे जो जीत हार को प्रभावित करने वाले थे।साल 2018 के चुनावों के परिणामों पर नजर डाले तो यह सिर्फ नजर आता है कि ग्वालियर चंबल अंचल की कई सीटों पर बसपा ने बीजेपी का खेल बिगाड़ा था और इसका फायदा कांग्रेस को मिला था और कांग्रेस ग्वालियर चंबल अंचल से सीटें जीतकर प्रदेश की सत्ता हासिल करने में कामयाब हो पाई थी।