भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों को साधने के लिए एक बड़ा दावं चला है। सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। वित्त विभाग ने एक जुलाई 2018 से पेंडिंग कर्मचारियों के दो फीसदी महंगाई भत्ते (डीए) को मंजूरी दे दी है। इससे अब कर्मचारियों को नौ प्रतिशत डीए मिलेगा। मार्च के वेतन से इसे लागू कर दिया जाएगा। एरियर की राशि सरकार जीपीएफ खाते में जमा करेगी। इससे प्रदेश के करीब पांच लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।हालांकि डीए बढ़ने से राज्य सरकार के खजाने पर 1098 करोड़ रुपए सालाना का भार आएगा।
दरअसल, बीते साल जुलाई में केन्द्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 7 से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया था, जिसके बाद सभी राज्यों ने एक के बाद कर्मचारियों को भत्ता देना शुरु कर दिया, लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा नही हो सका।एक जुलाई 2018 से अब तक राज्य के कर्मचारियों को सात प्रतिशत डीए ही मिल रहा है।इसी बीच विधानसभा चुनाव हो गए और सत्ता में परिवर्तन हो गया। कांग्रेस की सरकार आ गई और अब कर्मचारी संगठन बढ़ा हुआ डीए देने की मांग कमलनाथ सरकार से कर रहे थे, इसके लिए वे वित्त मंत्री तरुण भनोट से भी मिल चुके थे । वही वित्त विभाग ने भी उन्हें आश्वसन दिया था कि प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, लेकिन फंड की कमी के चलते फिलहाल इस पर फैसला नहीं हो पाया है।
इससे कर्मचारी संगठनों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही थी और वे आंदोलन की तरफ मुखर हो रहे थे।इससे पहले सरकार ने उनका डीए बढ़ाकर खुश कर दिया है। वित्त विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी है।इससे अब कर्मचारियों को नौ प्रतिशत डीए मिलेगा। जुलाई से जनवरी तक का एरियर जनरल प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (जीपीएफओ) में, जबकि फरवरी (मार्च में भुगतान) का डीए कर्मचारियों के खाते में जमा होगा।
बता दे कि कर्मचारियों का डीए केंद्र और राज्य सरकार साल में दो बार बढ़ाती है। जुलाई 2018 में केंद्र सरकार ने डीए बढ़ा दिया था, लेकिन राज्य सरकार इस पर फैसला नहीं कर पाई थी। अब केंद्र सरकार ने जनवरी से तीन फीसदी डीए और बढ़ा दिया है, लेकिन राज्य सरकार फिलहाल पिछली तिमाही का गैप ही पूरा कर रही है।