वो हैं ज़रा खफ़ा-खफ़ा : अजय विश्नोई की सोशल मीडिया पोस्ट के क्या हैं मायने, लिखा ‘कुछ लोग होर्डिंग लगाकर भाजपा का नेता बनना चाह रहे हैं’

इस पोस्ट में भले ही उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन साफ ज़ाहिर है कि ये निशाना नीलेश अवस्थी पर साधा गया है। विश्नोई ने लिखा है कि 'उनके भाजपा में आ जाने से पाटन विधानसभा में भाजपा के वोट बढ़ने की बजाय कम हो गए है'। इस पोस्ट के बाद एक बार फिर बीजेपी में पुराने बनाम नए लोगों के बीच का अंतर्कलह सामने आ गया है।

Vishnoi

MP News : बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और पाटन विधायक अजय विश्नोई की एक सोशल मीडिया पोस्ट चर्चाओं में है। इसमें उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि कुछ लोग होर्डिंग लगाकर भाजपा का नेता बनना चाह रहे हैं लेकिन उनके पार्टी में आने से बीजेपी के वोट कम हो गए हैं। इस पोस्ट से उनकी नाराज़गी ज़ाहिर हो रही है।

क्यों नाराज़ हैं अजय विश्नोई 

जबलपुर ज़िले की पाटन विधानसभा सीट से विधायक अजय विश्नोई ने एक बार फिर बिना नाम लिए ‘बीजेपी के एक नेता’ पर तंज़ कसा है। भले ही उन्होंने नाम नहीं लिया है लेकिन इस पोस्ट से स्पष्ट होता है कि उनका इशारा नीलेश अवस्थी की तरफ है। याद दिला दें कि विधानसभा चुनावों में विश्नोई ने उस समय कांग्रेस प्रत्याशी रहे नीलेश अवस्थी को तीस हज़ार से अधिक मतों से हराया था। लेकिन कुछ समय बाद ही नीलेश कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए। हालाँकि तब भी अजय विश्नोई को ये बात रास नहीं आई थी और उन्होंने इसका विरोध भी किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विश्नोई ने लिखा था कि ‘पूर्व विधायक भाई नीलेश अवस्थी का बीजेपी में स्वागत हैं। बीजेपी में शामिल होने वालों का स्वागत करना हमारी मजबूरी है।’ इसी के साथ उन्होंने एक ऑडियो क्लिप भी शेयर की थी।

अजय विश्नोई की पोस्ट में है इशारा

अब एक बार फिर अजय विश्नोई ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि ‘कुछ लोग होर्डिंग लगाकर भाजपा का नेता बनना चाह रहे हैं। शायद वो जनता से इस सच्चाई को छुपाना चाह रहे हैं कि उनके भाजपा में आ जाने से पाटन विधानसभा में भाजपा के वोट बढ़ने की बजाय कम हो गए। भाजपा को विधानसभा के चुनाव में 113223 वोट मिले थे। नेताजी के भाजपा में आने से लोकसभा के चुनाव में पाटन विधानसभा में भाजपा के वोट 2000 कम होकर 111247 रह गए। नेता जी से अनुरोध है, होर्डिंग से उतरकर जमीन पर आएं।’ इसमें उन्होंने किसी का नाम नहीं लिखा है, लेकिन साफ़ ज़ाहिर है कि ये पोस्ट नीलेश अवस्थी को लेकर लिखी गई है। बीजेपी में पिछले कुछ समय से कई पूर्व मंत्री, वरिष्ठ नेता और पुराने कार्यकर्ता दल बदलकर आए लोगों के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ चुके हैं। कई पुराने समर्पित नेता-कार्यकर्ताओं का कहना है कि दूसरों दलों से आए लोगों को ज्यादा तरजीह दी जा रही है और उनकी अनदेखी हो रही है। अब अजय विश्नोई की इस पोस्ट से एक बार फिर भाजपा का अंतर्कलह सामने आ गया है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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