दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। Parliament Winter Session 2021 इस समय जारी है। लोकसभा में आज निर्वाचन कानून (संशोधन) विधेयक 2021 पेश किया गया और यह विधेयक पारित भी हो गया। वहीं राज्यसभा से 12 सांसदों के निलंबन पर सरकार और विपक्ष एक दूसरे के आमने सामने हैं। संसद की दोनों सदनों में आज भी विपक्ष ने विरोध दर्ज करा हंगामा किया। इसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही तीसरी बार स्थगित हुई।
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दुसरी तरफ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सभी विपक्षी नेताओं के बजाय केवल चार दलों को आमंत्रित किया। सदन के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह में राज्यसभा में अब तक 37.60 प्रतिशत ही काम हो पाया है।
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राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि निरंतर व्यवधानों के कारण पहले तीन हफ्तों में सदन की कुल कार्यक्षमता घटकर 46.70 प्रतिशत रही। सचिवालय के आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा की उत्पादकता पहले सप्ताह में 49.70 प्रतिशत और दूसरे सप्ताह में 52.50 प्रतिशत रही। तीसरे सप्ताह में सदन 27 घंटे 11 मिनट के कुल निर्धारित समय में से केवल 10 घंटे 14 मिनट ही सक्रिय रहा।
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बिल के विरोध में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि आधार का मतलब केवल निवास का प्रमाण होना था, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। यदि आप मतदाताओं के लिए आधार मांगने की स्थिति में हैं, तो आपको केवल एक दस्तावेज मिल रहा है जो नागरिकता नहीं बल्कि निवास दर्शाता है। आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को वोट दे रहे हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। इसमें बहुत सारी कानूनी कमियां हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और जो हमारी निजता का उल्लंघन करता है। इससे लाखों लोगों के चुनावी अधिकार छिन सकते हैं।