भोपाल| विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है| ज्यादा से ज्यादा सीटों पर विजय हासिल करने के लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है| इसी सिलसिले में रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बड़ी बैठक होने जा रही है| तैयारियों के मद्देनजर होनी वाली इस बैठक में समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में चुनाव की तैयारियाों और रणनीतियों को लेकर मंथन किया जाएगा। वहीं बैठक में प्रभारी मंत्री जिलों की रिपोर्ट सौंपेंगें और बताएंगे की वर्तमान में जिलों की स्थिति कैसी है। वही सभी से राय ली जाएगी कि किन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाना चाहिए। संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए क्या जाना चाहिए। साथ ही राहुल-प्रियंका की सभाओं को लेकर भी चर्चा की जाएगी। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और सीएम कमलनाथ भी मौजूद रहेंगें।
बैठक में पूछेंगें दिग्विजय किन मुद्दों पर लड़ा जाए चुनाव
इसके अलावा सभी से राय ली जाएगी कि किन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाना चाहिए। ऐसे कौन से कार्य है जिन्हें सरकार को प्राथमिकता से करना चाहिए ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके। संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए क्या जाना चाहिए। बैठकों में प्रशिक्षण सत्रों को लेकर भी कार्यक्रम तय होंगे। इसके अलावा घोषणा पत्र को लेकर भी चर्चा की जा सकती है। खबर है कि इस बार घोषणा पत्र में विधानसभा चुनाव की तरह पार्टी किसानों को फिर बड़ी सौगात दे सकती है। इस बैठक में सीएम कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावारिया भी मौजूद रहेंगे। हालांकि सिंधिया इस बैठक में शामिल होंगें या नही यह अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है, क्योंकि हाल में उन्हें यूपी का महासचिव बनाया है, जिसके चलते वे प्रियंका के साथ अपना पूरा फोकस यूपी पर किए हुए है।
बीजेपी के किले ध्वस्त करने की रणनीति
मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के सभी किले ध्वस्त कर दिए थे। कांग्रेस 29 में से सिर्फ दो सीटों पर सिमट कर रह गई थी। विधानसभा चुनाव में मिली जीत से पार्टी और संगठन का मनोबल बढ़ा है। अब कांग्रेस की निगह भाजपा की उन सीटों पर है जो उसका दुर्ग कही जाती हैं। करीब 10 सीटों पर पार्टी को दो दशकों से जीत नहीं मिली है। इसके लिए लगातार कांग्रेस संघर्ष कर रही है। इन सीटों पर राजधानी भोपाल समेत इंदौर और कई सीटें शामिल हैं। अब ऐसी दस सीटों पर लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति तैयार की है। इस बैठक में भाजपा के कब्जे वाली इन सीटों में सेंध लगाने पर चर्चा की जाएगी। कमलनाथ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को अधिका सीटों पर जीत दिलाने और 2014 में अपनी ही सीटों पर दोबारा जीत पाने की योजना पर काम कर रहे हैं। भाजपा के दिग्गज नेताओं को उनके ही गढ़ में घेरने की रणनीति बनाई जा सकती है| पार्टी लम्बे समय से बीजेपी के कब्जे रही सीटों पर दमदार चेहरे तलाश रही है|
इन सीटों पर बीजेपी का राज
भोपाल, इंदौर, विदिशा, दमोह, सागर, भिंड, जबलपुर, सीधी, सतना बैतूल शामिल हैं। इन भी सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया एक बार फिर बैठक लेंगे। वह 27 जनवरी के लोकसभा क्षेत्र के प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे। सूत्रों के मुताबिक बावरिया इन सीटों पर जीत की योजना पर चर्चा करेंगे। उनका फोकस भाजपा की सीटों पर अधिक है। वह सभी प्रभारियों से लोकसभा चुनाव से पहले कामकाज की रिपोर्ट लेंगे। फिर ये रिपोर्ट दिल्ली जाएगी।
भोपाल और इंदौर पर भाजपा का कब्जा
भोपाल में कांग्रेस को अखिरी जीत 1984 में मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस केएन प्रधान सांसद चुने गए थे। 1989 के चुनाव से कांग्रेस लगातार इस सीट पर हारती रही है। कहा जाता है इस सीट पर अब संघ और बीजेपी की गहरी पैठ है। वहीं, इंदौर में भी कांग्रेस के लिए ऐसा ही कुछ है। इंदौर में भी कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम प्रकाश चंद सेठी आखिरी बार चुनाव जीते थे। उनके बाद से इस सीट पर वर्तमान लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन जीत रही हैं। इस बार कयास लगाए जा रहे हैं इस सीट पर बीजेपी की ओर से कई दावेदार हैं। लेकिन ताई अपने बेटे को भी इस सीट पर चुनाव लड़ा सकती हैं।