नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग ने देशभर में स्कूलों को खोले जाने को लेकर (school reopen) स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (SOP) जारी कर दिया है। एसओपी का पहला हिस्सा हैल्थ, हाइजीन और सेफ्टी के बारे में है। वहीं दूसरे हिस्से में फिजिकल सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से स्कूल को खोलने के लिए ये दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
केंद्र सरकार की तरफ से अनुमति मिलने के बाद अब अलग अलग राज्यों ने भी इसे लेकर फैसले लेना शुरू कर दिया है। शिक्षा मंंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस बारे में एक वीडियो ट्वीट करके जानकारी दी है। केंद्र सरकारहा की तरफ से अनलॉक 5 की गाइडलाइंस (Unlock 5 Guidelines) में कहा गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश यह तय कर सकते हैं कि वे 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थान फिर से खोलना चाहेंगे या नहीं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 5 अक्टूबर को दी गई आधिकारिक जानकारी के मुताबित स्कूलों के फिर से खोले जाने के कम से कम दो से तीन सप्ताह के भीतर कोई भी एसेसमेंट टेस्ट नहीं लिया जाएगा। अटेंडेंस की नीतियों में लचीलापन लाना होगा और ऑनलाइन लर्निंग जारी रहेगी। अगर छात्र चाहें तो वो स्कूल जाने के बजाय ऑनलाइन क्लास का विकल्प चुनने के लिये स्वतंत्र होंगे।
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (SOP) के पहले हिस्से में हैल्थ, हाइजीन और सेफ्टी अंतर्गत बताया गया है कि स्कूलों को खोलने से पहले क्या करना है। जैसे खोलने से पहले स्कूल के हर हिस्से को अच्छे से सैनिटाइज़ करना है। हाथ धोने और डिसइंफेक्शन का प्रबंध करना है।स्कूलों को इमरजेंसी केयर सपोर्ट टीम या रिस्पॉन्स टीम, जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाइजीन इंस्पेक्शन टीम बनाकर उनमें जिम्मेदारियां बांटनी होगी। वहीं एसओपी का दूसरा हिस्सा सोशल डिस्टेंसिंग और पढ़ाई-लिखाई से संबंधित है। इसके अंतर्गत लर्निंग आउटकम का ध्यान रखते हुए कॉम्प्रिहेंसिव और अल्टरनेटिव कैलेंडर बनाया जाने, नई स्थितियों के अनुसार एकेडमिक कैलेंडर पर दोबारा काम किये जा सकने की संभावना तथा फेस टु फेस इंस्ट्रक्शन, इंडिविजुअल असाइनमेंट्स, ग्रुप बेस्ड प्रोजेक्ट और ग्रुप प्रेजेंटेशंस का जिक्र शामिल है।
गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु –
– स्कूल खुलने के तीन सप्ताह तक एसेसमेंट टेस्ट नहीं लेना होगा.-
-स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा तैयार वैकल्पिक एकेडेमिक कैलेंडर को लागू किया जा सकता है.
– स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखनी होगी.
-स्कूल परिसर में किचन, कैंटीन, वाशरूम, लैब, लाइब्रेरी, आदि समेत सभी स्थानों पर साफ-सफाई और कीटाणुरहित करते रहने की व्यवस्था करनी होगी.
-कक्षाओं में बैठने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. कार्यक्रम और आयोजनों से बचना होगा. स्कूल आने और जाने के टाइम-टेबल बनाना होगा और उसका पालन करवाना होगा.
-सभी छात्र-छात्राएं और स्टाफ फेस कवर या मास्क लगाकर ही स्कूल आएंगे और पूरे समय के दौरान इसे पहने रहेंगे.
– अटेंडेंस की नीतियो में लचीलापन लाना होगा
DoSEL, @EduMinOfIndia has issued SOP/Guidelines for reopening of schools. pic.twitter.com/pwJXZZd40w
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank ( Modi Ka Parivar) (@DrRPNishank) October 5, 2020