सीएम और सिंधिया को साथ देख कांग्रेस नेताओं की जागी उम्मीद

भोपाल। मध्यप्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से खफा होने की अटकलों जोरों पर थी। यही नहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी उनकी दूरियां चर्चाओं में थीं। लेकिन ग्वालियर दौरे पर गए दोनों दिग्गज नेताओं को साथ देख इन अटकलों पर विराम लग गया है। यही नहीं दोनों की मुलाकात से कांग्रेस नेताओं की संजीवनी मिलने का भी इंतजार है। कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए एक साल हो गया है। लेकिन कांग्रेस नेताओं को निगम मंडल में नियुक्तियों को लेकर इंतज़ार है। 

दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही पार्टी नेताओं में द्वंद की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश सरकार ने एक साल में सिर्फ अपेक्स बैंक के चेयरमैन व मेला प्राधिकरण की नियुक्तिय की है। जबकि अन्य निगम मंडल अभी भी प्रशासकों के इंतेज़ार में हैं। वहीं, ग्वालियर-टंबल क्षेत्र के सिंधिया समर्थक नेताओं को भी इसमें एडजस्ट होने का वादा किया गया था। जिसके लिए अब वह लगातार प्रयास कर रहे हैं। नियुक्तियों में विलंब होने का मूल कारण प्रदेश अध्यक्ष को लेकर नेताओं के बीच छिड़ी जंग को माना जा रहा है। नियुक्तियों के लिए सरकार बनने के बाद दावेदार भोपाल व दिल्ली की दौड़ लगाते-लगाते थक गए हैं। लेकिन अब भी भोपाल से उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।


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