भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आगामी 28 से 30 दिसंबर तक मध्यप्रदेश विधानसभा (MP Legislative Assembly) का शीतकालीन सत्र (Winter session) शुरु होने वाला है। इस दौरान नव निर्वाचित विधायकों की शपथ के साथ विधानसभा के नए अध्यक्ष (Assembly Speaker ) और उपाध्यक्ष का भी चुनाव होगा। वही कई विधयकों को मंजूरी दी जाएगी और मजबूत विपक्ष होने के चलते हंगामे के भी आसार है, ऐसे में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कलेक्टर अविनाश लवानिया द्वारा धारा 144 के लागू करने के आदेश जारी कर दिए है।
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कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अविनाश लवानिया (Collector and District Magistrate Avinash Lavania)ने विधानसभा सत्र के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है जो 28 दिसम्बर से 30 दिसम्बर 2020 तक विभिन्न क्षेत्रों में लागू रहेगा।यह आदेश 28 दिसम्बर से 30 दिसम्बर 2020 तक प्रात: 6:00 से रात 12:00 बजे 74 बंगले के ऊपर वाली सड़क से होते हुए रोशनपुरा चौराहा में लागू रहेगा ।
कर्मचारी-अधिकारी के साथ शवयात्रा-बारात आदेश से मुक्त
भोपाल कलेक्टर के जारी आदेश के अनुसार, नवीन विधायक विश्राम गृह (MLA Rest House) के सामने वाला मार्ग पुराना, पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सब्बन चौराहा, ओमनगर और वल्लभ नगर का समस्त झुग्गी क्षेत्र धारा 144 के तहत जारी आदेश का प्रभाव क्षेत्र माना जायेगा। आदेश ड्यूटी पर कार्यरत कर्मचारियों-अधिकारियों (Employees-Officers) पर लागू नहीं होगा। शवयात्रा या बारात भी इस आदेश से मुक्त रहेंगे। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोरोना के संबंध में जारी आदेशों/ निर्देशों, सोशल डिस्टेंसिंग गाईड लाईन एवं कार्य स्थल के एस.ओ.पी. का पालन करना अनिवार्य होगा तथा कंटेनमेंट जोन से कोई भी स्टाफ को कार्य स्थल पर उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी।
आंदोलन-प्रदर्शन पर सख्त मनाही
जारी आदेश के मुताबिक उल्लेखित क्षेत्र में पांच या उससे अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होंगे। कोई व्यक्ति किसी जुलूस- प्रदर्शन का न तो निर्देशन करेगा और न उसमें भाग लेगा तथा न ही कोई सभा आयोजित की जायेगी । आदेश में यह साफ कर दिया गया है कि सत्र के दौरान कोई भी व्यक्ति चाकू या अन्य धारदार हथियार लेकर नहीं चलेगा। कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जिससे उद्योग और सार्वजनिक या निजी सेवाओं पर विपरीत असर पड़ता हो । प्रभावित क्षेत्र में पुतला दहन या किसी तरह के आंदोलन की सख्त मनाही की गई है।
17 साल बाद मजबूत विपक्ष, हंगामे के आसार
15 साल बाद वनवास काट सत्ता में लौटी कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Sarkar) भले ही 15 महिनों में बाहर हो गई हो लेकिन 17 साल बाद कांग्रेस (Congress) 96 विधायकों के साथ मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने में रहेगी और सत्ता पक्ष को किसान, कृषि बिल, सरकारी अधिकारी- कर्मचारी, युवाओं समेत कई मुद्दों पर घेरेगी। कांग्रेस विधानसभा के अंदर और बाहर जनता के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएगी, ऐसे में सत्ता पक्ष भी कई मुद्दों पर घेरता और घिरता नजर आएगा।इसके लिए कांग्रेस ने जोरों की तैयारियां भी कर ली है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर (December) से शुरू होगा। उपचुनाव (By-election) के बाद यह पहला सत्र होगा, जो 28 से 30 दिसंबर तक चलेगा। इसमें लव जिहाद को लेकर लाए जा रहे नए धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 (Freedom of Religion Act 2020 including) समेत कई विधेयकों पर चर्चा की जाएगी। इसमें अनुपूरक बजट को मंजूरी के अलावा जनहित के मुद्दों और विधेयकों पर भी चर्चा होगी।सत्र में वित्त विभाग, सरकार के बजट का अनुपूरक अनुमान सदन में पेश कर सकता है। इससे पहले 21 सितंबर को 1 दिन का विधानसभा सत्र आयोजित किया गया था। जिसमें सरकार ने अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक, मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक सहित, मध्य प्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक पारित कराया था।