Sidhi MLA Riti Pathak complained to the Deputy CM : पहले बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं की पार्टी से नाराजगी, फिर सागर में दो दिग्गज नेताओं के बीच तनातनी और अब भरे मंच से बीजेपी विधायक की उप मुख्यमंत्री से सरेआम शिकायत। हाल ही में ऐसा कुछ देखने को मिला जब सीधी विधायक रीति पाठक ने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से शिकायत की कि वो उनके पत्रों का जवाब भी नहीं देते हैं। इसी के साथ विधायक ने ये सवाल भी किया कि ‘स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के लिए आवंटित 7 करोड़ की राशि जानें कहा गुम हो गई है।’
दरअसल उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला सीधी अस्पताल में में 96-स्लाइस सीमेंस सीटी स्कैन, नर्सिंग केंद्र, प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) और आयुर्वेद केंद्र का शिलान्यास एवं शुभारंभ करने पहुंचे थे। मंच सजा हुआ था और यहां सीधी विधायक रीति पाठक, सिहावल विधायक विश्वामित्र पाठक, धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम सहित कई नेता और अधिकारी मौजूद थे। इसी मौके पर रीति पाठक ने अपनी शिकायत और पीड़ा..दोनों सरेआम ज़ाहिर कर दी।
पहले कांग्रेस विधायकों ने लगाया भेदभाव का आरोप
याद दिला दें कि पिछले साल दिसंबर में मध्य प्रदेश विधानसभा की शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायकों ने ऐलान किया था कि वो सरकार को अपना वेतन वापस करेंगे। उन्होंने बीजेपी सरकार पर कांग्रेस विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए ये घोषणा की थी। उनका आरोप था कि कई बीजेपी विधायकों के क्षेत्र में सौ करोड़ के विकास कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन बीजेपी सरकार कांग्रेस विधायकों के क्षेत्र के विकास के लिए सरकार राशि नहीं दे रही है। विपक्ष का ये आरोप तो समझ आता है, लेकिन अब बीजेपी विधायक ने भी सरेआम अपने ही उपमुख्यमंत्री के प्रति नाराजगी जता दी है।
अब बीजेपी विधायक ने की उप मुख्यमंत्री से उन्हीं की शिकायत
मामला है सीधी का जहां उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला एक कार्यक्रम का शुभारंभ करने पहुंचे थे। मंच सजा हुआ था और ज़ाहिर है कि सीधी विधायक को पहले अपनी बात रखनी थी। आमतौर पर ऐसे कार्यक्रमों में परंपरा रही है कि विधायक..सीएम, डिप्टी सीएम और सरकार के प्रति आभार जताते हैं और उनके सहयोग का उल्लेख करते हैं। लेकिन इस कार्यक्रम में ये परंपरा टूट गई।
कहा ‘पत्रों का जवाब नहीं देते डिप्टी सीएम, स्वास्थ्य विभाग ने गुम किए 7 करोड़’
सीधी विधायक रीति पाठक जब माइक के सामने पहुंची तो उन्होंने खुलकर उपमुख्यमंत्री से अपनी नाराजगी का इज़हार किया। उन्होंने कहा कि ‘आपके स्वास्थ्य विभाग संभालने के बाद मेरे कम से कम 6-7 पत्र आपको गए होंगे..लेकिन अब तक मुझे किसी पत्र का जवाब नहीं मिला है। लेकिन ये हमारा अधिकार है आपसे मांगने का और हम अपने जिले अपनी जनता के लिए आपसे मांगेंगे। हम चाहते हैं कि आप रीवा से निकलकर सीधी में भी विकास करिएगा।’
इतना ही नहीं, रीति पाठक ने भरे मंच से ये तक कह दिया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जो सात करोड़ राशि दी थी, स्वास्थ्य विभाग से उस राशि को कहां गुम कर दिया गया है इसकी भी जिम्मेदारी मैं आपको सौंपती हूँ कि उसे ढूंढा जाए। जब रीति पाठक ये बात कह रही थी तो उनकी भाषा के साथ उनके लहज़े भी शिकायत से भरा हुआ था। ये कोई पहली बार नहीं है जब राजेंद्र शुक्ला को लेकर इस तरह की शिकायतें सामने आई हों। इससे पहले भी कुछ लोग कह चुके हैं कि उनका सारा ध्यान सिर्फ रीवा की ओर है और अन्य जिले उपेक्षित हैं। अब सीधी विधायक ने खुलेआम न सिर्फ ये कहा है कि उपमुख्यमंत्री उनके पत्रों का जवाब नहीं देते, बल्कि ये तक कह डाला कि जिस स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी उनके पास है वहां से सात करोड़ की राशि गुम हो गई है। देखना होगा कि इस खुली शिकायत के बाद मामला क्या मोड़ लेता है और इस ‘गुम हुई राशि’ को लेकर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।