राज्य सरकार का बड़ा फैसला! चुनाव से पहले बदली यह व्यवस्था, विभाग ने कलेक्टरों को जारी किए ये निर्देश, जानें अपडेट

Pooja Khodani
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MP State Government : आगामी चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि हर ज्ञापन की जांच करें, सीधे सामान्य प्रशासन विभाग को ना भेजें। अब नई व्यवस्था के तहत अब ज्ञापन-शिकायत पत्र सीधे संबंधित विभाग को भेजे जाएंगे। लगातार बढ़ती अव्यवस्था को देखकर जीएडी के सचिव श्रीनिवास शर्मा ने ये निर्देश जारी किए हैं।

कलेक्टरों को जारी किए ये निर्देश

मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुख, संभागायुक्त और कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि विभिन्न संगठनों, जनप्रतिनिधियों और आमजन से मिलने वाले मांग और शिकायती पत्र, जिला स्तर पर प्राप्त होने वाले सभी ज्ञापन की जांच करें। यदि समस्या, मांग या शिकायत जिला या संभाग स्तरीय है, तो उसे उसी स्तर पर निराकृत करें, इससे समय भी बचेगा। वही यह सुनिश्चित करें कि वह किस विभाग से संबंधित है। सीधे उसी विभाग को भेजें। सामान्य प्रशासन विभाग को ना भेजें। वही ज्ञापन सीधे मंत्रालय भेजे जाएं, जो जीएडी से सीधा संबंध रखते हों।

अब सीधे संबंधित विभाग को भेजे जाएंगे ज्ञापन-शिकायत पत्र

दरअसल, चुनावी साल में शिकायत और मांग पत्रों की संख्या बढ़ गई है। स्थानीय स्तर पर कर्मचारी एवं सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधि और आमजन कलेक्टर या संभागायुक्त को शिकायत या मांग पत्र सौंप रहे हैं, जो ज्यादातर मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव के नाम होते हैं, उन्हें बिना देखें सीधे जीएडी को भेज दिए जाते हैं। मंत्रालय में आने पर जीएडी को इनकी छंटाई करानी पड़ती है और फिर संबंधित विभागों को भेजना पड़ता है। इसी अव्यवस्था से तंग आकर जीएडी के सचिव श्रीनिवास शर्मा ने निर्देश जारी किए हैं।

अबतक ऐसी थी व्यवस्था

बता दें कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम मिलने वाले आवेदनों को मंत्रालय भेजने का नियम है, ऐसे आवेदन विकासखंड, तहसील, जिला और संभाग मुख्यालयों पर चुनावी समय में बड़ी संख्या में आते हैं, इसके चलते सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सुनवाई की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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