नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आज 8 जून को world oceans day के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में यूएन जनरल असेम्बली (united nation general assembly) ने की थी। इस दिन को दुनिया भर में तरह-तरह से मनाया जाता है। कहीं oceans को लेकर नए अभियान (campaign) और पहल की जाती हैं तो कहीं प्राणी उद्यान और मछली घर (aquarium) में खास प्रोग्राम करवाए जाते हैं। कहीं बीच (beach) और अन्य जल निकायों की साफ-सफाई की जाती है तो कहीं शिक्षात्मक और संरक्षण सम्बन्धी कार्यक्रम किये जाते हैं।
आइए महासागरों के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्स्ट्स जानते हैं:
यह भी पढ़ें… MP के हजारों शिक्षकों को झटका, नहीं मिलेगा इस योजना का लाभ
1. धरती का 70% हिस्सा महासागरों से बना है।
2. धरती पर रह रहे जीवित प्राणियों में से 94% प्राणी महासागरों के अंदर रहते हैं।
3. आपको ये जान कर हैरानी होगी कि आज तक धरती पर मौजूद महासागरों में से सिर्फ 5% महासागरों का ही अन्वेषण किया जा सका है।
4. दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला, मिड-ओशन रिज जो कि 65000 किमी में फैली है वो महासागर के अंदर ही है। कहा जाता है कि इस पर्वत श्रृंखला का अन्वेषण मार्स और वीनस ग्रहों से भी कम किया जा सका है।
5. ऐतिहासिक कलाकृतियों की बात करें तो महासागरों के अंदर ऐसी ऐतिहासिक कलाकृतियां विश्व भर के संग्रहालयों से भी ज़्यादा है। अब कई अंडरवॉटर संग्रहालय भी बन गए हैं।
6. वर्ल्ड रजिस्टर के अनुसार अब तक 240,470 मरीन जातियों के बारे में जाना जा सका है। लेकिन माना जाता है कि ये संख्या असल में मौजूद मरीन जातियों का बहुत छोटा सा अंश है।
7. कहा जाता है कि हमारे जीने के लिए जरूरी ऑक्सीजन का 70-80 प्रतिशत हिस्सा मरीन पेड़-पौधे बनाते हैं।
8. यूएस का 50% हिस्सा महासागर के अंदर ही समाया हुआ है।
यह भी पढ़ें… MP News: सरकार ने अंतर्राज्यीय बसों की आवाजाही पर बढ़ाई रोक, आदेश जारी
9. प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा महासागर है और यह अपने अंदर करीब 25,000 आइलैंड को समाहित किए हुए है।
10. विश्व का सबसे बड़ा जीवित प्राणी जिसे ‘द ग्रेट बैरियर रीफ’ कहते हैं वो महासागर के अंदर ही पाया जाता है।
लेकिन अफसोस हमारे द्वारा किये जा रहे प्रकृति के निरन्तर दोहन की वजह से इन महासागरों की गुणवत्ता भी कम होती जा रही है। हमे पृथ्वी के इस नायाब तोहफे का संरक्षण करना चाहिए न कि इसे प्रदूषित करना चाहिए। इसके लिए हमें प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करना चाहिए इससे महासागरों में प्रदूषण कम होगा। साथ ही हमें पानी को बचाना भी होगा जिससे कम से कम मात्रा में गंदा पानी इन महासागरों में मिले।