भोपाल| शिवराज सरकार की भावान्तर योजना को लेकर एक बार फिर कमलनाथ सरकार ने कदम पीछे खींच लिए हैं| कृषि मंत्री ने मंगलवार को सुबह इस योजना को बंद करने के ऐलान के बाद अब यू टर्न ले लिया है| पहले कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा था कि “प्रदेश के किसानों से हमने बात की तो यह बात साफ हो गई कि भावान्तर भुगतान योजना से किसानों को नुकसान हो रहा था। इसीलिए हम इसे बंद करने जा रहे है”। उनके इस ऐलान के कुछ ही देर बाद जनसम्पर्क विभाग ने ट्वीट कर कहा है कि योजना की समीक्षा होगी, गाइडलाइंस में बदलाव किये जाएंगे| अब सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर मंत्री को यू टर्न क्यों लेना पड़ा|
दरअसल, कृषि मंत्री सचिन यादव ने मंगलवार को यह स्पष्ट किया था कि भावान्तर योजना बंद की जायेगी| उन्होंने इसको लेकर ट्वीट भी किया था और एक वीडियो भी सामने आया था| जिसमे उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार में ज्यादातर योजना जो बनी है उसका केंद्र बिंदु किसान नहीं था, कोई और था| हमने किसानों से चर्चा की है जिसमे पता चला है कि भावान्तर योजना से किसानों को नुकसान है| इसलिए इस योजना को अब बंद किया जाएगा| मंत्री यादव ने कहा मध्य प्रदेश में तीन ‘क’ की सरकार है, ‘क से किसान’, ‘क से कांग्रेस’ और ‘क से कमलनाथ जी’, इस सरकार के केंद्र बिंदु में किसान है । इस ऐलान के कुछ ही समय बाद सरकार की और से जनसम्पर्क विभाग ने एक ट्वीट किया जिसमे योजना को बंद करने की जगह बदलाव करने की बात कही | इसमें लिखा है “बीजेपी सरकार के द्वारा भावान्तर भुगतान योजना जिस स्वरुप में लाइ गई थी, उससे किसानों को लाभ नहीं मिला| हमारी सरकार इस योजना की समीक्षा करते हुए गाइडलाइन में बदलाव ला रही है| जिससे किसानों को उनकी उपज का ज्यादा लाभ मिल सके”|
इसलिए लिया ‘यू टर्न’
चर्चा है कि कृषि मंत्री के भावान्तर योजना को बंद करने के ऐलान के बाद सीएम कमलनाथ ने कृषि मंत्री सचिन यादव से बात की है| बताया जा रहा है भावंतर को बंद करने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है| किस आधार पर यह फैसला किया गया इसको लेकर सीएम ने कृषि मंत्री को तलब किया है| जिसके बाद आनन् फानन में सरकार की ओर से जनसम्पर्क विभाग ने ट्वीट कर योजना में बदलाव करने की बात कही गई है| जल्दबाजी में किये गए ऐलान के बाद कृषि मंत्री को पीछे हटना पड़ा| इसके पीछे बड़ा कारण यह भी है कि बीजेपी इस योजना को बंद करने के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रही है| वहीं कृषि मंत्री ने कहा था कि उन्होंने किसानों से बात की है, जबकि इस प्रकार का कोई आयोजन अभी हुआ नहीं है जब किसानों से इस सम्बन्ध में फीडबैक लिया हुआ| सीएम कमलनाथ किसानों के मुद्दे पर कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहते, जिससे विपक्ष को सवाल उठाने का मौक़ा मिले| इसीलिए अब इस योजना में बदलाव की बात की जा रही है|
शिवराज की चेतावनी भावान्तर बंद हुई तो सड़कों पर उतरेंगे
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम कमलनाथ को किसानों के मुद्दे पर पत्र लिखा है| जिसमे उन्होंने भावान्तर को बंद करने के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है| उन्होंने लिखा है कि भावांतर योजना मेरे मुख्यमंत्री काल एवं भारतीय जनता पार्टी की सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना रही है। मेरी सरकार ने निर्णय लिया था कि हमारे कृषक बंधुओं को सोयाबीन पर 500 रुपए प्रति क्विंटल एवं मक्का पर 500 रुपए प्रति क्विंटल फ्लैट रेट का भुगतान किया जाएगा। इस आशय के आदेश भी मेरी सरकार ने जारी कर दिए थे। यह निर्णय लिया गया था कि गेहूं 2100 रुपए प्रति क्विंटल, धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर खरीदा जाएगा। तत्कालीन भाजपा सरकार ने उड़द पर भी प्रति क्विंटल फ्लैट रेट से भुगतान का निर्णय लिया था। भावांतर योजना को बंद करने का निर्णय है बताता है कि आप की सरकार प्रदेश के किसानों को सोयाबीन पर ₹500 प्रति क्विंटल और मक्का पर ₹500 प्रति क्विंटल फ्लैट भावांतर योजना में भुगतान करने से बचना चाहती है। आप किसान बंधुओं को उड़द एवं मूंग पर भी फ्लैट रेट भुगतान करने से बचना चाहते हैं। गेहूं एवं धान की उपज भी क्रमश 2100 एवं 2500 प्रति क्विंटल खरीदने की मंशा आप की सरकार की नहीं। उन्होंने कहा है कि भावांतर योजना को येन-केन प्रकारेण बंद करना त्रासद होगा। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसी स्थिति में वे किसानों के हित के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन करने पर बाध्य हो जाएंगे।