नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (Corona) ने अपनों को दूर कर दिया है। दूसरी बीमारियों में ये होता है कि रिश्तेदारों, पड़ोसियों, जान पहचान वालों का साथ मिलता है लेकिन कोरोना ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति एकदम अकेला पड़ जाता है। कई बार संक्रमण के डर से घरवाले भी साथ छोड़ देते हैं। ऐसा ही वाकया देखने को मिला दिल्ली में, जहां एक बेटे ने पिता को कोरोना हो जाने के बाद दर दर की ठोकरें खाने अकेला छोड़ दिया। ऐसे में दिल्ली पुलिस का मानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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दिल्ली के राजेंद्र नगर की सड़कों पर एक बुजुर्ग व्यक्ति बेहद बुरी स्थिति में पाए गए। दिल्ली पुलिस में कान्सटेबल राजू राम ने उन्हें देखा और फिर उन्हें कुछ सहयोगियों की मदद से आरएमएल अस्पताल पहुंचाया गया। यहां इस बुजुर्ग की कहानी जिसने भी सुनी, उसकी आंखें नम हो गई। इनके बेटे ने कोरोना हो जाने के बाद इन्हें घर से निकालकर बेसहारा छोड़ दिया। अपनी जिंदगी बचाने के लिए बेटे ने जिंदगी देने वाले पिता को बेघर कर दिया। दवा और अपनेपन के अभाव में बुजुर्ग व्यक्ति की हालत बिगड़ती गई। इस बीच राजेंद्र नगर में एक पुलिस कान्सटेबल की नजर इनपर पड़ी, और सारा वाकया जानने के बाद वो उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर हमारे सामाजिक ताने बाने की बिखरती तस्वीर को उघाड़कर रख दिया है।