भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) द्वारा की गई नर्मदा यात्रा (Narmada Yatra) पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन गुरूवार को हुआ। भोपाल स्थित विधानसभा सभागार में इस अवसर पर दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी अमृता राय (Amrita Rai) और कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे। बता दें कि अमृता राय भी नर्मदा यात्रा में सहयात्री थीं और “नर्मदा के पथिक” शीर्षक से प्रकाशित इस पुस्तक में इस यात्रा से जुड़े कई रोचक व अनूठे संस्मरण सम्मिलित है।
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दिग्विजय सिंह ने की गृहमंत्री अमित शाह की प्रशंसा
चार साल पहले की गई नर्मदा यात्रा पर आधारित पुस्तक के विमोचन के अवसर पर एक चौंकाने वाली बात हुई। दिग्विजय सिंह ने यहां अपने धुर राजनीतिक विरोधी अमित शाह की जमकर तारीफ की। उन्होने कहा कि राजनीति में कई बार वैचारिक मतभेद होते हैं और कटुता भी आ जाती है। लेकिन ये बात उससे बिल्कुल अलग है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2017 में जब वे यात्रा कर रहे थे, तब गुजरात के विधानसभा चुनाव चल रहे थे। उन्होने यात्रा के दौरान महाराष्ट्र से गुजरात में प्रवेश किया तो शाम हो गई थी। रात करीब साढ़े दस बजे वे अपने गंतव्य पर पहुंचे। उस समय एक फॉरेस्ट ऑफिसर उनके पास पहुंचे और कहा कि उन्हें अमित शाह जी (Amit Shah) ने निर्देश दिए हैं कि हम पूरी तरह से आपका सहयोग करें। दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव चल रहे थे और मैं उनका सबसे बड़ा आलोचक रहा हूं। लेकिन फिर भी अमित शाह जी के निर्देश पर दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा के लिए उस स्थान पर सारी व्यवस्थाएं की गई। उन्होने कहा कि आज तक मेरी कभी भी अमित शाह जी से आमने-सामने भेंट नहीं हुई है, लेकिन मैंने इस बात के लिए उनका आभार जताया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होने के बावजूद ये एक राजनीतिक समन्वय और मित्रता का प्रमाण है। दिग्विजय ने कहा कि इस यात्रा के दौरान आरएसएस (RSS) के कार्यकर्ता भी उनसे मिलते रहे।
यात्रा के अनुभवों को पुस्तक में संजोया
इस पुस्तक में दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी अमृता राय और यात्रा में सहयोगी रहे सहयात्रियों के अनुभवों का लेखा जोखा सम्मिलित है। ये परिक्रमा किन रास्तों से गुज़री, किस तरह के लोगों से मुलाकात हुई, किस तरह नर्मदा किनारे बसे लोगों के रीति रिवाज, परंपराएं, संस्कृति को जानने का अवसर मिला और नर्मदा यात्रा ने जीवन पर क्या प्रभाव डाला, पुस्तक में इन सारे संस्मरणों को संजोया गया है। पुस्तक के लेखक हैं दिग्विजय सिंह के निजी सचिव व नर्मदा यात्रा के उनके सहयात्री रहे ओपी शर्मा ने। इस विमोचन कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, पूर्व लोकसभा सांसद रामेश्वर निखरा, पूर्व विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रजापति, वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और कांतिलाल भूरिया ने भी अपनी बात रखी।