सर्दी में जम कर खाएं मूली, होंगे ये दस फायदे।

Gaurav Sharma
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हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। साइंस के दौर में तकरीबन हर फल सब्जी बारहों महीने मिलते हैं फिर भी कुछ फल या सब्जियां ऐसी हैं जो अपने मौसम में ही उपलब्ध होती हैं। मूली भी ऐसे ही चीजों में शुमार हैं जो सिर्फ सर्दी के मौसम में ही मिलती है। तासीर भी ऐसी है कि इसे प्रिसर्व करके रख पाना आसान नहीं है। इसलिए सर्दियों में जब ताजी ताजी मूली दिखाए दे तो इसे खाने से बिलकुल नहीं चूके और, मूली खाते समय इस बात की फिक्र तो बिलकुल ही न करें कि गैस बनेगी या मुंह से दुर्गंध आएगी, क्योंकि, ये सब तो ठीक हो सकता है पर मौसम गुजर गया तो न मूली मिलेगी न उससे होने वाले फायदे।

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ऐसे कुछ हेल्थ बेनिफिट्स हैं जो आपको मूली के जरिए ही मिल सकते हैं क्या हैं वो चलिए जानते हैं!

1. कोरोना काल में हम सभी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के फायदे तो समझ ही चुके हैं और मूली खाने से शरीर से इम्यूनिटी पावर बढ़ती है। सर्दियों में ये क्षमता बढ़ने से आप सर्दी, खांस, जुकाम की जद में आने से बच सकते हैं।

2. एक किस्म का रसायन होता है एंथेसरइनिन, जो दिल की बीमारी को होने से रोकता है। मूली में ये रसायन कूट कूट कर भरा है। इसलिए मूली खाने से दिल के रोग का खतरा भी कम होता है।

3. मूली हाजमा भी अच्छा रखती है, ठंड में मूली खाने से डाइजेशन ठीक रहता है।

4. मूली शुगर पेशेंट के लिए भी अच्छी मानी गई है। हालांकि एक सलाह ये भी मिलती है कि अगर शुगर लेवल ज्यादा है तो मूली का सेवन डॉक्टर से पूछ कर ही किया जाना चाहिए।

5. अगर थकान होने लगी है तो मूली के रस में सेंधा नमक डालकर पी जाएं, चाहें तो इस रस को थोड़ा गर्म भी कर सकते हैं।इस पानी के गरारे करने से गले में आ रही सूजन में भी आराम मिलता है।

6. ठंड में अगर नींद न आने की समस्या है तो भी मूली एक अच्छा उपाय है, मूली के सेवन से अच्छी नींद आती है।

7. मूली में कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं।

8. दांत पीले हो रहे हों तो भी मूली की सफेदी ही काम आएगी, मूली के एक टुकड़े पर नींबू की बूंदे डालकर दांत पर घिसें,दांत चमचमाने लगेंगे।

9. मूली किडनी और लीवर दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद है

10. अगर आपको भूख नहीं लगती तो आप मूली खाना जल्द शुरू कर दें, क्योंकि मूली भूख भी बढ़ाती है।

disclaimer : यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित कर प्रकाशित की गई है, किसी भी सब्ज़ी या फल जिससे आपको परेशानी होती है तो सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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