क्या है सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद वॉकिंग या रनिंग? जानें शरीर के अनुसार

walking or running

Walking or Running: इस भागदौड़ वाली जिंदगी में अपने आप को फिट और हेल्दी रखना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए फिट रहने के लिए स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ भोजन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। हर कोई फिट रहने के लिए कुछ ना कुछ करता रहता है। कुछ लोग जिम जाते हैं, कुछ लोग डाइट बदलते हैं, और कुछ लोग एक्सरसाइज करते हैं। इन सभी तरीकों में सबसे सस्ता और आसान तरीका है सुबह के समय वॉकिंग या फिर रनिंग। लेकिन क्या आप इस बात से कंफ्यूज हैं कि सुबह के समय वॉकिंग ज्यादा सेहतमंद रहता है या फिर रनिंग। अब ज्यादा कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि रनिंग ज्यादा सेहतमंद है या फिर वॉकिंग।

क्या हैं ज्यादा सेहतमंद वॉकिंग या रनिंग

रनिंग और वॉकिंग दोनों ही स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यह दोनों ही चीजें किसी न किसी प्रकार से सेहत को प्रभावित करती है। अगर आप टहलने या दौड़ने की सोच रहे हैं तो पहले अपने स्वास्थ्य को समझें। हृदय संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए वॉकिंग ज्यादा सेहतमंद माना जाता है। दौड़ने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि कहीं आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई गंभीर समस्या तो नहीं है। ऐसी समस्याओं में टहलना ज्यादा बेहतर माना जाता है।

वॉकिंग कब और क्यों करनी चाहिए

हर व्यक्ति को सुबह के समय कम से कम आधा घंटा जरूर टहलना चाहिए। यह शरीर के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है। वॉकिंग करने का यह मतलब नहीं की आपको खुला मैदान ही चाहिए आप चाहे तो अपने घर के बाहर सड़क और छत पर भी कर सकते हैं। सुबह के समय वॉकिंग करने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है, यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है, साथ ही साथ यह वजन कम करने में भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा तनाव, चिंता और हार्ट संबंधी समस्याएं भी दूर रहती हैं।

रनिंग कब और क्यों करनी चाहिए

दौड़ना तब बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है जब आप दिनभर लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते रहते हैं या दिन भर आपका समय बैठे-बैठे बीतता है। ऐसे में पेट की चर्बी बढ़ने लगती है। पेट की चर्बी को कम करने के लिए सुबह के समय रनिंग करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। बढ़ते मोटापे को कम करने के लिए भी यह सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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