छात्रों के हित में CBSE की नई पहल, तैयार होगा “पेरेंटिंग कैलेंडर”, 10 सदस्यीय कमिटी गठित, अहम नोटिस जारी, देखें खबर

सीबीएसई ने पेरेंटिंग कैलेंडर की घोषणा कर दी है। इसे तैयार करने के लिए विशेष समिति का गठन किया गया है। मार्च में कमिटी सिफारिशें पेश करेगी। आइए जानें इससे क्या फायदा होगा?

Manisha Kumari Pandey
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CBSE Parenting Calendar: अभिभावकों और स्कूल के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए केंद्र माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बड़ा कदम उठाया है। सीबीएसई शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए पेरेंटिंग कैलेंडर विकसित करने की तैयारी में जुट चुका है। बोर्ड ने इस संबंध में नोटिस भी जारी किया है।

नोटिस में सीबीएसई ने कहा, “उभरते शैक्षिक परिदृश्य में स्कूलों और अभिभावकों के बीच बेहतर सहयोग की जरूरत है। इसे पूरा करने के लिए सीबीएसई सेशन 2025-26 में एक संचरित पेरेंटिंग कैलेंडर विकसित करने का इरादा रखता है।”

क्या है पेरेंटिंग कैलेंडर का उद्देश्य? (CBSE Board News)

पेरेंटिंग कैलेंडर का उद्देश्य अभिभावकों और शिक्षक की बातचीत को सुविधाजनक बनाना है। किशोरों, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों और  प्रारंभिक/मध्य आयु वर्ग सहित विभिन्न छात्र आवश्यकताओं को समर्थन देना है। इसके अलावा पेरेंटिंग कैलेंडर के जरिए परीक्षा, रिजल्ट और व्यावहारिक बदलाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए एक सुसंगत कम्युनिकेशन  फ्रेमवर्क भी  स्थापित किया है। इतना ही नहीं इस पहल के जरिए जरूरत के समय छात्रों को मदद और हस्तक्षेप प्रदान किया जाएगा।

15 मार्च तक समिति प्रस्तुत करेगी सिफारिशें 

पेरेंटिंग कैलेंडर तैयार करने के लिए बोर्ड ने 10 सदस्यीय समिति का गठन किया है। कमिटी में पोदार एजुकेशन नेटवर्क मुंबई के प्रेसिडेंट डॉ स्वाति पोपट वत्स के साथ-साथ देशभर के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल किए गए हैं। समिति 15 मार्च 2025 को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर सकती है। बोर्ड ने सभी समिति सदस्यों से सक्रिय रूप में भाग लेने का अनुरोध किया है। यह कमिटी बोर्ड द्वारा निर्धारित वर्चुअल या ऑफलाइन बैठकों में भाग लेगी। समन्वित कार्रवाई और फैसले  के लिए संयोजक के साथ सहयोग करने का निर्देश बोर्ड ने दिया है।  समिति द्वार उद्देश्यों को संबोधित करते हुए व्यापक पेरेंटिंग कैलेंडर विकसित किया जाएगा।

 


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