MP: 12-14 आयुवर्ग के टीकाकरण अभियान को लेकर नियमों में हुए कई बदलाव, इन बातों का रखे खास ख्याल

Manisha Kumari Pandey
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों के बीच टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा कर दी है।  बता दें कि बच्चों को कॉरबेवेक्स (corbevax) वैक्सीन दी जाएगी।  एक तरफ पूरे देश में को टीकाकरण अभियान 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए चलाया जाएगा, तो वही मध्यप्रदेश में यह अभियान 23 मार्च से शुरू होने वाला है।  इस दौरान करीब 30 लाख से ज्यादा बच्चों को टीका दिया जाएगा। इस दौरान टीकाकरण केंद्र में बच्चों को लेकर सुविधाओं में कई बदलाव भी देखने को मिलेंगे।

यह भी पढ़े… अप्रैल में होगा कर्मचारियों के बढ़े वेतन-पेंशन का भुगतान! 1400 करोड़ का कर्ज लेगी सरकार

दरअसल, गर्मी दिन -प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसे मद्देनजर रखते हुए टीकाकरण अभियान में कई बदलाव भी होने वाले हैं।   बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें वैक्सीन लगाने से पहले ओआरएस घोल (ORS) का सेवन करवाया जाएगा, उसके बाद ही बच्चे टीका लगवा पाएंगे। सभी हेल्थ सेंटर और स्कूलों में इस सुविधा को लागू किया जाएगा। यह सुविधा बच्चों को दी डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए शुरू की जाएगी ताकि टीकाकरण के दौरान उन्हें किसी प्रकार की स्वास्थ समस्या का सामना ना करना पड़े।

यह भी पढ़े… कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ेगा या नहीं? कब खाते में आएंगे 96000? जानिए ताजा अपडेट

केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक सिर्फ उन्ही  बच्चों को टीका लगाया जाएगा, जिनकी उम्र 15 मार्च 2010 तक 12 साल हो चुकी हो।  इसके अलावा इससे कम कम आयु वाले बच्चों को टीका नहीं दिया जाएगा।  साथ ही बच्चों को टीकाकरण के दौरान अपने बर्थ सर्टिफिकेट की एक फोटो कॉपी भी स्वास्थ्य सेंटर में लेकर जाना होगा, बिना दस्तावेजों के टीका नहीं लगाया जाएगा। हाल ही में आए आंकड़ों मुताबिक अब तक 68,66,764 टीके 15 से 17 वर्ष के किशोरों को लगाए  जा चुके है। बता दें कि 12 से 14 साल के बच्चे टीकाकरण के लिए cowin.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News