Obesity problem: दुनिया में 39 करोड़ बच्चे मोटापे के शिकार, बचपन की यह समस्या बड़े होने पर बन रही गंभीर बिमारियों की वजह

Obesity problem: मेडिकल जर्नल ‘न्यूज मेडिकल लाइफ साइंसेज’ में हाल ही में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल रिपोर्ट में सामने आया हैं कि दुनिया भर में करीब 130 करोड़ लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। वहीं तकरीबन दुनिया में 39 करोड़ बच्चे मोटापे की चपेट में हैं।

Rishabh Namdev
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Obesity problem: एक नई रिसर्च के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 39 करोड़ बच्चे मोटापे के शिकार हैं। दरअसल इसके चलते एक बड़ी समस्या सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार यह बच्चे बड़े होने पर इस वजह से इन बच्चों में हाइपरटेंशन और हार्ट डिजीज का मुख्य कारण बन सकता है। इसके साथ ही इस संबंधित रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि बचपन में होने वाला मोटापा बड़े होने पर कई बड़ी समस्याओं को न्योता दे सकता हैं।

इसकी बड़ी वजह है बदलती आदतें:

दरअसल कम उम्र में मोटापे के कारण कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं इसके मुख्य कारणों को देखा जाए तो बच्चों की खान-पान में कमी, नियमित व्यायाम की कमी, फास्ट फूड की अधिकता जैसी आदतें से यह समस्याएं हो सकती हैं। मोटापे की समस्या बढ़ने के साथ ही कई बीमारियां भी बढ़ सकती हैं जैसे कि हाईपरटेंशन, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, ऑस्टियोआर्थाराइटिस, स्लीप एप्निया, गॉल ब्लैडर की समस्या, और यूरिक एसिड की बढ़ती मात्रा जैसी समस्याएं।

हर वर्ग के लोगों में यह समस्या:

वहीं रिपोर्ट में सामने आया है कि 5 साल से कम उम्र के 3.7 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार हुए हैं। दरअसल बीते कुछ सालों में यह समस्या बहुत तेजी के साथ बढ़ी है। इसने न सिर्फ बच्चो बल्की हर उम्र, जाति या रंग के व्यक्ति को अपनी चपेट में लिया है। दरअसल यह समस्या पहले सिर्फ युवाओं या बुजुर्गों में ही देखने को मिलती थी। लेकिन अब हर वर्ग के लोगों में यह समस्या देखने को मिलती हैं।

दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनियाभर में 2022 में 5 साल से कम उम्र के करीब 3.7 करोड़ बच्चे मोटापे से पीड़ित थे। जबकि पूरी दुनिया की बात की जाए तो 5 से 19 साल के बच्चों की संख्या 39 करोड़ है।

बचपन से ही मोटापे की चपेट में आने की समस्या बढ़ रही है, जिससे समाज के स्वास्थ्य को खतरा है। साथ ही, इससे होने वाली समस्याओं का समाधान न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि समाज के स्वास्थ्य के लिए भी। पेरेंट्स को बच्चों की सेहत के लिए नियमित व्यायाम, सही खानपान, और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही उन्हें अपने बच्चों को तंबाकू और अन्य नशे से दूर रखने के लिए भी समझाना चाहिए।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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