दिवाली पर ठूंस ठूंस कर खाया, अब सेलिब्रिटी डाइटीशियन की इन टिप्स के साथ बनाए नया डाइट प्लान।

Gaurav Sharma
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हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। दिवाली त्यौहार ही ऐसा है जब खाने के मामले में खुद पर काबू रख पाना मुश्किल होता है। आसापास पकवानों से सजे इतने थाल होते हैं कि देख कर जी ललचा ही जाता है। और, डाइटिंग के सारे वादे इरादे भूलकर आप उन पर टूट पड़ते हैं। जब उत्सव का खुमार उतरता है तब जाकर अहसास होता है कि खा खाकर आप अपनी महीनों की डाइटिंग और वर्कआउट की मेहनत पर पानी फेर चुके हैं। पर वो कहते हैं न कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत। बस कुछ ऐसा ही हाल यहां भी होता है। पछतावा तो होता है पर उसका कुछ हल पता नहीं होता। दिवाली पर जमकर खाई गई मिठाइयों से आप अपनी डाइट को नुकसान तो पहुंचा ही चुके हैं।

पर अगर अहसास हो ही गया है तो ये भी जान लीजिए कि अभी देर नहीं हुई है। अब भी आप चाहें तो अपनी गलती को सुधार सकते हैं, बस अपने रूटीन में थोड़ा सा बदलाव करके। ये बदलाव क्या हो सकते हैं इसकी जानकारी सेलिब्रिटी डाइटीशियन रुजुता दिवेकर ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर की है।

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रुजुता ने कुछ ऐसे टिप्स दिए हैं जो आपकी दिवाली की गलतियों को मिटा देंगे और आपके डाइट रूटीन को काफी हद तक रिज्यूम करने में मददगार साबित होंगे।

गन्ने से करें डिटोक्स

गन्ने का रस आमतौर पर गर्मियों में पिया जाता है। पर आपको देवउठनी ग्यारस की पूजा के लिए अमूमन हर घर में गन्ना नजर आएगा। पूजा के बाद इन गन्नों का उपयोग बॉडी डिटोक्स करने के लिए करें। रुजुता दिवेकर के मुताबिक गन्ना चबाकर खाएं या फिर ताजे गन्नों का जूस निकालकर पिएं, ये एक बेहतरीन डिटॉक्सिफायर है जो दिवाली के दौरान खाए गए तैलीय खाने पर भारी पड़ता है। केवल इतना ही गन्ने में ग्लायकोलिक एसिड भी होता है। रुजुता के मुताबिक ग्लायकोलिक एसिड कई कॉस्मेटिक में यूज होता है जो आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है। गन्ने का रस पीकर आप सर्दियों में भी अपनी त्वचा को चमकदार बनाकर रख सकते हैं।

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नारियल पानी से दिन की शुरूआत

अपने दिन की शुरूआत ताजे नारियल के पानी के साथ करें। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर रुजुता दिवेकर लिखती हैं कि नारियल पानी पेट फूलने और अपच की समस्या से निजात दिलाता है। ये पानी पेट में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस भी बनाकर रखता है। रुजुता का सुझाव है कि कुछ दिन सुबह नारियल पानी जरूर पिएं और ताजे नारियल का गूदा भी खाएं, इससे पेट को काफी आराम मिलेगा और डाइजेशन भी बेहतर होगा।

गुलकंद से बनें सेहतमंद

पहले घरों में गलुकंद की डिब्बी होना आम बात होती थी। खाने के बाद मुंह का जायका बदलने या फिर माउथफ्रेशनर की तरह गुलकंद का उपयोग होता था। अब कई घरों से ये डिब्बी नदारद है। रुजुता के मुताबिक गुलकंद में मौजूद गुलाब और शक्कर का अनोखा कॉम्बिनेशन एसिडिटी की शिकायत को दूर करता है। इसे दोनों वक्त के खाने के बाद खाएं या, फिर दूध में घोलकर पी जाए। गुलकंद की आदत दोनों ही तरह से सेहत के लिए फायदेमंद है।

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आखिरी में रुजुता का सुझाव है कि लंच और डिनर के बाद घी और गुण खाने की आदत जरूर डालें। पाचन क्रिया को दुरूस्त रखने के लिए ये एक आसान तरीका है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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