बासी रोटी में होते हैं ये कमाल के गुण, जानने के बाद बासी रोटी फेंकना भूल जाएंगे।

Gaurav Sharma
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हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। घर में खाने बनाने वाली ये खूब समझती हैं कि चाहें कितनी भी गिनती कर लें बासी रोटी तो बचना ही बचना है।अगले दिन सुबह रोटी का डिब्बा देखकर ये अहसास होता है कि गिनती गलत हो गई और रोटियां डिब्बे में ही धरी हैं। इन रोटियों को खाने का मन कम ही लोगों का होता है। गिनती की शुरूआत फिर होती है। रोटियां ज्यादा संख्या में हो तो उन्हें मठरी के आकार में काटकर फ्राई कर लिया जाता है, जो एक कुरकुरे स्नेक का काम करती हैं, या फिर उपमा या हलुए की तरह नाश्ता बना लिया जाता है, और संख्या कम हो तो घर के बाहर घूमने वाले जानवरों के हवाले कर दी जाती है। कुलमिलाकर बासी रोटी का उपयोग करना किसी दिमागी मशक्कत से कम नहीं है।

बासी रोटी में होते हैं ये कमाल के गुण, जानने के बाद बासी रोटी फेंकना भूल जाएंगे।

ऐसा इसलिए क्योंकि आप  बासी रोटी के गुण नहीं जानते, अगर जानते तो शायद बासी रोटियां देखकर दुखी नहीं होते बल्कि खुश होते।

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आपको बताते हैं बासी रोटी के कुछ ऐसे गुण और उपयोग जिन्हें सुनकर आप भी चौंक जाएंगे।

बासी रोटी ज्यादा पौष्टिक

ये पढ़कर आपको ताज्जुब जरूर हुआ होगा। बासी रोटी ताजी बनी रोटी से ज्यादा पौष्टिक होती है। अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रियंका रोहतगी के हवाले से नवभारत टाइम्स ने कोट किया है कि गेहूं की रोटी 8 से 12 घंटे बाद ज्यादा पोषण देती है, इसलिए रात में ही अगर कुछ रोटियां बनाकर रख ली जाएं तो वो सुबह खाना ज्यादा फायदेमंद होगा। डॉ. रोहतगी के मुताबिक ये नाश्ता पोहे या ओट्स की तुलना में ज्यादा बेहतर होगा। गांवों ये चलन अब भी जारी है। थोड़ा याद करेंगे तो जान जाएंगे कि उस वक्त नान-दादी भी सुबह बासी रोटी खाने से गुरेज नहीं करती थीं।

बासी रोटी का फेस पैक

बासी रोटी का चूरा कर लें, इस चूरे को मिक्सी में पीस लें ताकि ये एकदम महीन हो जाए। इस चूरे में शक्कर मिलाएं। चाहें तो मिक्सी में ग्राइंड करते समय ही शक्कर डाल दें। जब ये पिस जाए तब इसमें शहद डालें, गुलाब जल डालें और तब तक पीसें जब तक पेस्ट न बने। पेस्ट बनने पर इसे चेहरे पर लगाएं और 25 मिनट बाद धो लें। ये आटे के पेस्ट से ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।

बासी रोटी का फेस स्क्रब

अगर स्किन को पेस्ट सूट न होती हो तो इसका स्क्रब भी बनाया जा सकता है। स्क्रब बनाने के लिए बासी राटो और शक्कर को एक साथ पीस लें, इसमें जैतून यानि कि ऑलिव ऑयल मिलाएं, चाहें तो नारियल का तेल भी मिला सकते हैं। बहुत कम मात्रा में कॉफी पाउडर मिलाएं। इस स्क्रब को कुछ दिन बनाकर रखा जा सका है। मुंह धोने से पहले कम से कम चार मिनट तक चेहरा स्क्रब करें, ये स्क्रब स्किन के लिए नर्म भी होगा।

 

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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