वर्ल्ड टीबी डे 2025: इंदौर की 133 पंचायतें हुईं टीबी मुक्त, MYH से निकली जागरूकता रैली

World TB Day: इंदौर में टीबी के खिलाफ जंग तेज हो गई है, स्वास्थ्य विभाग की बड़ी मुहिम के तहत शहर की 133 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। जागरूकता बढ़ाने और बीमारी के खात्मे के लिए MYH से विशेष जागरूकता रैली निकाली जाएगी।

World TB Day के मौक़े पर 24 मार्च को इंदौर में एक बड़ी जनजागरूकता रैली का आयोजन किया जा रहा है। इस रैली का मक़सद लोगों को TB के प्रति जागरूक करना और TB मुक्त समाज का संदेश देना है। यह रैली आज यानी सोमवार को सुबह आठ बजे MYH परिसर से शुरू हो चुकी है और मधुमिलन चौराहे तक जाएगी।

आपको बता दें, इस रैली में शहर के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, स्वास्थ्य संगठनों और सामाजिक संस्थाओं के लोग हिस्सा लेंगे। साथ ही डॉक्टर्स, नर्सेस, स्वास्थ्यकर्मी और आम नागरिक भी इसमें शामिल होंगे। पोस्टर और बैनर के ज़रिए लोगों को इस बीमारी के लक्षण, इलाज और बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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इंदौर में टीबी खत्म करने की नई पहल

सीएमएचओ (CMHO) ने बताया कि प्रधानमंत्री TB मुक्त भारत अभियान के तहत इंदौर ज़िले में एक बड़ा क़दम उठाया जा रहा है। इस अभियान के तहत हर साल सभी ग्राम पंचायतों का सर्वे किया जाता है और उन्हें TB मुक्त घोषित किया जाता है। इसका मक़सद यह सुनिश्चित करना है कि हर गाँव और पंचायत TB जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त हो सके।

133 पंचायतें हुईं टीबी मुक्त

अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें, साल 2024-25 में इंदौर ज़िले की कुल 334 पंचायतों में से 133 पंचायतों ने ख़ुद को TB मुक्त घोषित करने का दावा किया है। इन पंचायतों ने अपने दावे स्वास्थ्य विभाग को भेजे हैं। जिला स्तरीय वेरिफ़िकेशन टीम द्वारा सभी दावों की जाँच और सत्यापन करने के बाद इंदौर ज़िले की 133 पंचायतों को साल 2024 के लिए TB मुक्त घोषित किया गया है।

इन पंचायतों के सरपंचों को जल्द ही कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया जाएगा। जिन पंचायतों ने एक साल तक TB मुक्त रखने का लक्ष्य हासिल किया है, उन्हें ब्रॉन्ज अवॉर्ड दिया जाएगा, जबकि जिन पंचायतों ने लगातार दो साल तक TB मुक्त रहने का रिकॉर्ड बनाया, उन्हें सिल्वर अवॉर्ड से नवाज़ा जाएगा।

मुफ्त इलाज जारी

इसके अलावा डॉ. शैलेन्द्र कुमार जैन ने उन्हें आगे की जानकारी साझा करते हुए बताया कि साल 224 में इन्दौर ज़िले में नई TB मरीज़ों की पहचान करने के लिए बड़े पैमाने पर जाँच अभियान चलाया गया। इसी दौरान कुल 1.24 लाख संभावित मरीज़ों की जाँच की गई, जिनमें से 10,259 लोगों में TB की पुष्टि हुई। साथ ही 216 मरीज़ ऐसे पाए गए, जिसमें ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के लक्षण थे। इन सभी मरीज़ों का इलाज शासन द्वारा मुफ़्त में किया जा रहा है।

क्या होती है डॉट्स थेरेपी (DOTS Therapy)

मरीज़ों को डॉट्स पद्धति के तहत उच्च गुणवत्ता वाला इलाज मुहैया कराया जाएगा। अगर आपको डॉट्स के बारे में नहीं मालूम है तो हम आपको बता देते हैं कि डॉट्स थेरेपी TB के इलाज का एक प्रभावी तरीक़ा है, जिसमें मरीज़ों को नियमित रूप से दवाएँ दी जाती है और उनकी निगरानी की जाती है। इस थैरेपी के दौरान इस बात का ख़ास ध्यान रखा जाता है कि मरीज़ पूरी तरह से ठीक हो जाएं और दोबारा बीमारी न फैले।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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