जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा संचालित राज्य सेवा परीक्षा (State service exam 2021) सहित सभी परीक्षा Examination) में बाहरी उम्मीदवारों को बराबर का मौका देने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। वहीं मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के इस फैसले से बाहरी उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिलेगी। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि भारत के सभी नागरिकों को मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समान तरह के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भारत के सभी नागरिकों को राज्य सेवा परीक्षा 2021 में शामिल होने का समान अवसर दिया जाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले MPPSC द्वारा राज्य सेवा परीक्षा में वेरी उम्मीदवारों को शामिल होने से रोकने के लिए नियम में संशोधन किए गए थे। जिसके बाद इस मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
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हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि MPPSC की वेबसाइट में जो भी आवश्यक सुधार की जरूरत है, उसे पूरा किया जाए। यदि आवश्यकता होती है तो आवेदन जमा करने की तारीख को बढ़ाया जाना चाहिए। बता दे राज्य सेवा परीक्षा में आवेदन करने की अंतिम तिथि 12 मार्च रखी गई थी। जिसके बाद अब राज्य सेवा परीक्षा 2021 के आवेदन की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ द्वारा आदेश जारी करते हुए कहा गया कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा सहित अन्य सभी परीक्षाओं के लिए रोजगार के बारे में भी जीवित पंजीयन अनिवार्य नहीं होगा। जिसके बाद एक बार फिर से रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन का मामला तूल पकड़ सकता है। हालांकि अभी तक फिलहाल इस बारे में MPPSC की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिए नियम में बदलाव किया गया था। जिसके मुताबिक केवल वही उम्मीदवार एमपीबीएसई द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। जिसके लिए मध्यप्रदेश शासन के रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। जिसके बाद झारखंड के उम्मीदवार द्वारा स्थानीय नागरिकों के लिए 100% आरक्षण करार देते हुए इसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।