MPPSC Recruitment : सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2022 पर अपडेट, 13 अप्रैल तक कर सकेंगे आवेदन, 800 से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती, जानें डिटेल्स
सहायक प्राध्यापक परीक्षा के तहत 13 से 20 अप्रैल तक 3000 और 20 से 30 अप्रैल तक आवेदन करने पर 25 000 रुपये विलंब शुल्क रखा है।यह परीक्षा 9 जून को आयोजित की जाएगी।
MPPSC Recruitment 2024 : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। आयोग ने सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 के लिए 5 अप्रैल से फिर आवेदन लिंक खोल दी है वंचित उम्मीदवारों बिना विलंब शुल्क के 13 अप्रैल तक आवेदन कर सकते है।
13 अप्रैल के बाद विलंभ शुल्क के साथ भर सकेंगे फॉर्म
इस बीच आवेदन में त्रुटि सुधार की प्रक्रिया 8 से 15 अप्रैल तक चलेगी। 13 से 20 अप्रैल तक 3000 और 20 से 30 अप्रैल तक आवेदन करने पर 25 000 रुपये विलंब शुल्क रखा है।यह परीक्षा 9 जून को आयोजित की जाएगी।
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कितने पदों पर होगी भर्ती
सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा आठ विषयों के 826 पदों के लिए रखी गई है। इसमें बाटनी (126), कामर्स (124), अंग्रेजी (200), हिन्दी (116), इतिहास (77), गृह विज्ञान (42), गणित (124), संस्कृत (17) शामिल है। वहीं, 129 खेल अधिकारी और 200 ग्रंथपाल के पद रखे हैं।
बता दे कि आयोग इस बार उन उम्मीदवारों को मौका देगा, जिन्हें पहले अतिथि विद्वान का अनुभव और आयु सीमा का लाभ नहीं दिया गया था। वैसे अतिथि विद्वानों को दस वर्ष की आयु सीमा में छूट दी गई है। इसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अब सहायक प्राध्यापक बनने के लिए उम्र सीमा 58 साल कर दी है, हालांकि अभी एमपी में प्राध्यापक के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है।वही प्राध्यापक, चिकित्सक, स्टाफ नर्स और अन्य सेवाओं में भी 65 साल की सेवानिवृत्ति आयु है, बाकी विभागों में 62 वर्ष चल रहा है।
इधर, अतिथि विद्वान महासंघ का कहना है कि हाल ही में आयोग ने इस 2022 की भर्ती परीक्षा के नियमों में बदलाव कर अतिथि विद्वानों को उम्र सीमा में 10 वर्ष छूट दी गई है,ऐसे मे कई उम्रदराज अतिथि विद्वान वंचित रह जाएंगे, क्योकि इनकी उम्र 60 से 62 वर्ष हो गई है।इससे कई अतिथि विद्वान बिना नियमित हुए ही रिटायर हो जाएंगे और उन्हें एक सरकारी कर्मचारी को मिलने वाली सुविधा, पेंशन समेत अन्य राहत नहीं मिल सकेगी।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)