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Sat, Dec 6, 2025

Order: नेता हो तो ऐसा, सांसद जी का एक्शन ऑन द स्पॉट

Written by:Virendra Sharma
Order: नेता हो तो ऐसा, सांसद जी का एक्शन ऑन द स्पॉट

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रतलाम, सुशील खरे। राजनेताओं के आदेश (Order) अक्सर अमलीजामा नहीं पहन पाते और यही कारण है कि नेताजी की बात का जनता भरोसा नहीं कर पाती। लेकिन इन सबके बीच एक नेता जी ऐसे हैं जो इन दिनो जनता के बीच खासा लोकप्रिय हो रहे है। आदेश (Order) देना और उसकी तामील कराना जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

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यदि किसी पिछड़े हुए क्षेत्र में कोई पढ़ा-लिखा राजनेता मिल जाए और वह भी जमीनी हकीकत से रूबरू हुआ तो फिर जनता का कल्याण होना तय है। हम बात कर रहे हैं रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र के लोकसभा सांसद गुमान सिंह डामोर (Guman Singh Damor) की। डामोर जनसभाओ में अक्सर आजकल एक अभिनव प्रयोग करते दिखाई दे रहे है।वे जनता से बात करते हैं, अधिकारियों से उसका जवाब पूछते हैं।यदि जवाब ठीक ना हो तो वे तत्काल कार्रवाई भी कर देते हैं। ऐसे ही एक वायरल वीडियो में वे पानी की समस्या हल न होने को लेकर अधिकारियों को आदेश (Order) देते नजर आ रहे हैं ।जनता ने शिकायत की कि केंद्र सरकार की सबसे बड़ी योजना नल जल योजना के तहत कई गांव में अभी तक जल नहीं पहुंचा है जिसकी तमाम शिकायतों के बाद भी समाधान अधूरा है। बस फिर क्या था ।सांसद जी ने पीएचई (PHE) के एसडीओ को तत्काल आदेश (Order) दिया कि वे संबंधित सब इंजीनियर को सस्पेंड करें और शाम तक आदेश (Order) उनके व्हाट्सएप (Whatsapp) पर भेज भी दे। इतना ही नहीं उन्होंने एक अन्य इंजीनियर को ग्रामीणों के साथ जाकर नल जल योजनाओं के निरीक्षण की जिम्मेदारी भी दे डाली। रिश्वत के आरोपी एसआई को थाने से रिलीव न करने को लेकर भी सांसद जी ने थाना प्रभारी को फटकार लगाई और उसे तत्काल रिलीव करने के आदेश (Order) दिए। जनता को डामोर साहब का यह अंदाज बेहद पसंद आया ।

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दरअसल गुमान सिंह डामोर खुद लंबे समय तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में चीफ इंजीनियर रह चुके हैं। राजनीति में आने के लिए उन्होंने समय से पहले नौकरी छोड़ दी लेकिन वह जानते हैं कि नौकरशाही कैसे काम करती है और उसे कैसे काम करवाया जाता है। उनकी पत्नी सूरज डामोर भी आईएएस अधिकारी रहीं है ।अब भला ऐसे राजनेता को, जिसका जीवन ही नौकरशाहों के बीच बीता हो, भला कौन अधिकारी आंखों में धूल झोंक सकता है। यह बात अलग है कि कई बार सांसद जी जनता की समस्याओं को लेकर आउट ऑफ कंट्रोल भी हो जाते हैं ।झाबुआ के पेटलावद में नवंबर 2020 में उन्होंने एक ठेकेदार को उल्टा टांग देने की धमकी दी थी। उनका आरोप था कि कांग्रेस पार्टी के दबाव में यह ठेकेदार गुणवत्तापूर्ण का नहीं कर रहा और काम को लेट कर रहा है। साफगोई इतनी कि उन्होंने यह स्वीकार भी कर लिया कि हां उन्होंने अधिकारी को उल्टा टांगने की बात कही थी। अभी कुछ दिन पहले ही वह कोरोना समीक्षा बैठक मे कलेक्टर पर भी भड़क गए थे और उन्होंने कहा था डंडा चलाने के बजाय लोगों को समझाए।

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RSS से जुड़े गुमान सिंह डामोर ने राजनीतिक जीवन में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है ।मालवा अंचल के सबसे बड़े आदिवासी कांग्रेसी नेता कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे विक्रांत भूरिया को लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में वह हराकर पहले ऐसे राजनेता बने जिन्होंने पिता और पुत्र को साल भर के अंदर चुनाव हराया। इन दोनों जीतों के बाद भी क्षेत्र में आदिवासियों के स्थापित नेता के रूप में अपनी छवि रखने लगे हैं| जाहिर सी बात है कि यदि हर राजनेता इसी तरह की कार्यशैली अपना ले तो फिर देश का कायाकल्प होने में देरी न लगे।