शादी को लेकर अनोखी प्रथा, दूल्हा-दुल्हन के Toilet जाने पर पाबंदी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शादी को लेकर हर धर्म और समाज में अलग अलग रीति रिवाज होते हैं। इसी तरह अलग अलग देशों में भी शादी की कई रस्में होती हैं, जो अपने आप में अनूठी होती हैं। लेकिन आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शादी का टॉयलेट (Toilet) से क्या संबंध है। जैसे चीन की बात करें तो कुछ समुदायों में शादी से पहले दुल्हन को रोना पड़ता है, इसे वहां शुभ माना जाता है। इसी तरह डेनमार्क में दूल्हे के दोस्त नाश्ते के बाद उसके जूते उतारकर मोजे के किनारे काट देते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पति कभी पत्नी को सोता हुए छोड़कर किसी अन्य स्त्री के पास नहीं जाता है। अब चलते हैं इसके Toilet  कनेक्शन की ओर।

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ऐसी ही एक अजीबोगरीब प्रथा के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इंडोनेशिया के एक समुदाय में दूल्हा-दुल्हन के टॉयलेट (Toilet) जाने पर पाबंदी है। ये पाबंदी भी कुछ घंटों की नहीं, बल्कि पूरे तीन दिन की है। इस रोक रिवाज को वहां की टीडॉन्ग बिरादरी में बहुत संजीदगी से निभाया जाता है। माना जाता है कि शादी पवित्र कर्म है और टॉयलेट में गंदगी होती है। टॉयलेट जाने से दूल्हा-दुल्हन की पवित्रता भंग होगी और इसे वहां बुरा शगुन माना जाता है। इसलिए पूरे तीन दिन तक वर-वधू के टॉयलेट जाने पर रोक रहती है।

इस रिवाज के पीछे दूल्हा-दुल्हन को अशुद्धि से बचाना है। माना जाता है कि टॉयलेट का इस्तेमाल कई लोग करते हैं। वहां शरीर की गंदगी बाहर निकलती है इसलिए नकारात्मक शक्तियों का वास होता है। ऐसे में नवविवाहित दंपत्ति टॉयलेट का इस्तेमाल करेंगे तो टीडॉन्ग समुदाय की मान्यतानुसार उनका रिश्ता खतरे में पड़ सकता है। उसमें दरारा आ सकती है और दोनों के बीच तल्खी पैदा हो सकती है। इसी संभावित खतरे से बचाने के लिए पूरे तीन दिन कर दूल्हा-दुल्हन को टॉयलेट से दूर रखा जाता है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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