दांत के दर्द से पेट के रोगों तक फायदेमंद है सख्त सुपारी, जानें कैसे

जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। सख्त सी दिखने वाली सुपारी, जिसे चबाते हुए अक्सर ये ख्याल आता है कि इसे तोड़ने में कहीं दांत न टूट जाएं। ऐसी सुपारी दांतों के लिए नुकसानदायी नहीं बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार सुपारी में कई ऐसे गुण होते हैं जो अलग अलग रोगों में राहत देने में कारगर होते हैं। इसमें ऐसे कई औषधीय गुण मौजूद हैं जिनसे हमें फायदा हो सकता है।

आइए जानें सुपारी के फायदों के बारे में।

छाले होने पर

मुंह में छाले होने पर सुपारी खाने से फायदा होता है। सुपारी को सीधे न खाएं, इसे नारियल और सोंठ के साथ पाउडर बनाकर मिक्स कर लें या इनका काढ़ा बनाकर गार्गल करें। नर्म सुपारी चबाने से भी छालों में राहत मिलती है। इसके अलावा एक और तरीका है जिसमें आप सुपारी को इलायची का पाउडर शहद के साथ मिक्स कर पेस्ट की तरह मुंह में लगा लेना सकते हैं।

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पेट के रोग में राहत

पेट में पाचन से जुड़ी तकलीफ रहती हो या कीड़ों की शिकायत हो तो सुपारी के फल का जूस पिएं या फिर पानी में सुपारी उबाल कर उसका पानी पीने से भी राहत मिलेगी।

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उल्टी

ज्यादा उल्टियां हो रही हों तो सुपारी खाना फायदेमंद हो सकता है। सुपारी को हल्दी और शक्कर के साथ मिलाकर खाएं उल्टियों से काफी हद तक राहत मिलेगी।

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त्वचा रोग

अगर स्किन पर कहीं दाद है या खुजली हो रही है तो सुपारी को घिस कर लेप करें। एक पटे पर सुपारी घिसें उसमें तिल का तेल मिलाकर लगा लें। खुजली या दाद में राहत मिलेगी।

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दांत के दर्द में

दांत का दर्द बढ़ गया हो तो सुपारी का पाउडर उसमें लगाएं। इसके लिए पहले सुपारी को जलाएं और उसका पाउडर बनाकर दवा की तरह लगा लें। दांत दर्द में राहत मिलेगी।

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डिस्क्लेमर:यह जानकारी इंटरनेट पर उलब्ध स्रोतों या घरेलू नुस्खों पर आधारित है । MPBreakingnews.in इस लेख में दी गई जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी या तकलीफ के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट से परामर्श लें।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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