Bombay Blood Group: यदि आप से कहा जाए की ब्लड ग्रुप चार नहीं पांच प्रकार के होते है तो क्या आप यकीन करेंगे। मगर यह सच है। दरअसल ज्यादातर लोगों को इसके बारें में जानकारी नहीं है लेकिन ब्लड ग्रुप पांच प्रकार के ही होते है। दरअसल बहुत से लोगों को इस पांचवें ब्लड ग्रुप के बारे में नहीं पता होता है। तो चलिए आज हम इस खबर में आपको इस पांचवें ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी देंगे।
दरअसल इस पांचवें और अज्ञात प्रकार के ब्लड ग्रुप का नाम बॉम्बे ब्लड ग्रुप (Bombay Blood Group) है। वहीं इसे ओएच (OH) के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि आपको यह जानकर हैरानी होगी की यह ब्लड ग्रुप सिर्फ भारत में ही पाया जाता है।
कहाँ हुई इस ब्लड ग्रुप की खोज?
दरअसल जानकारी के अनुसार वर्ष 1952 में तत्कालीन बॉम्बे में इस ब्लड ग्रुप की खोज वाईएम भेंडे नामक डॉक्टर द्वारा की गई थी, जिसके चलते इसका नाम बॉम्बे रखा गया। दरअसल ज्यादातर लोग यहीं सोचते है कि O नेगेटिव या AB नेगेटिव ब्लड ग्रुप बहुत दुर्लभ होता है जिसका मुख्य कारण यह है की यह ब्लड ग्रुप बहुत कम लोगों में पाया जाता है, और आसानी से नहीं मिलता है। मगर ऐसा नहीं है दरअसल O नेगेटिव से भी दुर्लभ ब्लड ग्रुप बॉम्बे ब्लड ग्रुप है जो दुनिया की मात्र 0.04% आबादी में पाया जाता है। आसान भाषा में कहा जाए तो यह ब्लड ग्रुप हर 10 लाख लोगों में से सिर्फ चार लोगों में ही पाया जाता है।
क्यों है सबसे ज्यादा दुर्लभ ब्लड?
जानकारी के मुताबिक ऐसे ब्लड ग्रुप में मौजूद एच एंटीजन इस ब्लड ग्रुप की दुर्लभता का सबसे बड़ा कारण होता है। दरअसल यह एंटीजन यानी एच एंटीजन किसी दुसरे ब्लड ग्रुप में नहीं पाया जाता है। वहीं इसकी एक और खासियत यह है कि बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति का खून किसी दूसरे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को नहीं चढ़ाया जा सकता है, यानी केवल बॉम्बे ब्लड ग्रुप वाले लोग ही इन लोगों को रक्तदान कर सकते हैं।