जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। भारतीय परंपरा में खाने की बर्बादी की मनाही है। अतः कई बार बचे हुए भोजन को दोबारा गर्म करके खा लिया जाता है। खासकर घर की महिलाएं बासी भोजन को दोबारा गर्म करके खा लेती हैं और यदि कभी खाना जल गया है। तो वे उसे फेंकने की बजाय अन्न की बर्बादी ना हो, इस डर से खा लेती हैं। लेकिन ऐसा करने से स्वास्थ्य को कितना ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है इस बारे में उन्हें जानकारी ही नहीं होती।
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रिसर्च बताते हैं की यह सब आदतें कैंसर का कारण भी बन सकती है। दरअसल भोजन को बार-बार गर्म करना, जला हुआ खाना- खास तौर पर सब्जियां और चावल और तंदूर में पका नॉनवेज खाने से भविष्य में कैंसर हो सकता है।
दोबारा गर्म किये भोजन का नुकसान
भोजन को जब हम दोबारा गर्म करते हैं तो उसमें मौजूद प्रोटीन टूटने से भोजन की नमी चली जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप भोजन में मौजूद लिक्विड सॉलि़ड में बदल जाता है और इससे हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। साथ ही ऐसा भोजन खाने से शरीर में अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है और साथ ही यह मोटापे का कारण भी बनती है।
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बासी सब्जियां और चावल स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मैथी, सरसों को दोबारा गर्म करने पर इनमें मौजूद नाइट्रेट के केमिकल रिएक्शन से कैंसर होने का खतरा होता है। साथ ही अंडे, मशरूम और चावल को दोबारा गर्म करने से फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है।
जले हुए खाने का खतरा
जला हुआ खाना वैसे तो स्वाद में भी कड़वा लगता है, लेकिन सही बात भोजन की बर्बादी ना हो इसलिए जला हुआ भोजन भी खा लिया जाता है लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। खास तौर पर स्टार्च वाले भोजन जैसे कि आलू, चावल के जल जाने पर इनमें एकरिलामाईड नामक केमिकल बनने लग जाता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है। तंदूर में पका नॉनवेज खाने पर भी यही समस्या हो सकती है।
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जला तेल स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा
भारतीय घरों में डीप फ्राई किए हुए खाने को भी बहुत पसंद किया जाता है जैसे कि पूड़ी, कचोरी, समोसा इत्यादि। लेकिन एक बार इस्तेमाल किए हुए तेल को बार-बार यूज़ करने पर फ्री रेडिकल्स बनते हैं जो शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं से जुड़ जाते हैं। जिनसे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है, जैसे इन्फ्लेमेशन हो जाता है। एथेरोस्केलेरोसिस नाम की बीमारी हो सकती है और बेड कोलेस्ट्रॉल की वजह से हृदय संबंधित बीमारियां होने का खतरा हो जाता है।
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बचाव के नुस्खे
हमेशा डीप फ्राई करने के लिए कम हाई पॉइंट वाले तेल का उपयोग करना चाहिए जैसे कि सनफ्लावर ऑयल, राइस ब्रान ऑयल, तिल का तेल, मछली का तेल, सरसों का तेल कनोला तेल आदि।
नोट – यह इंटरनेट से प्राप्त जानकारी जागरूकता के लिए है। इसे अपने जीवन में उतारने से पहले डॉ. से भी परामर्श लें।