Colour Psychology : मानव जीवन पर कई सारी चीजों का काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जिस तरह वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र मानव जीवन के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने गए हैं उसी तरह कलर थेरेपी भी इन्हीं में से एक मानी गई है। कलर व्यक्ति के जीवन से जुड़े राज खोलने के साथ-साथ उनके जीवन में बड़े बदलाव करने के लिए अहम माना गया है। दुनियाभर में हजारों रंग मौजूद हैं।
उनमें से कुछ रंग लोगों के सबसे ज्यादा पसंदीदा होते हैं। जिनका इस्तेमाल वह अपने कपड़ों के साथ-साथ घर की दीवारों और अन्य चीजों के लिए भी करना पसंद करते हैं। अगर घर में कुछ खास रंगों का इस्तेमाल किया जाता है तो वह व्यक्ति के जीवन में बड़े बदलाव लाने में मदद करता है। रंग हमारे मन और भावनाओं पर काफी ज्यादा प्रभाव डालते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं रंग मनोविज्ञान क्या है और कौन सा घर दीवारों पर लगवाना अच्छा माना जाता है। चलिए जानते हैं –
क्या है रंग मनोविज्ञान?
जैसा कि सभी जानते हैं रंग हर व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालते हैं। रंग हर किसी के मूड और रचनात्मकता को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं ये व्यक्ति की भावनाओं को भी व्यक्त कर देता है। इसी वजह से बड़े ही सोच समझ के साथ रंगों का इस्तेमाल हमें हमारे जीवन में करना पड़ता है। किसी भी तरह का रंग हो या आप किसी भी चीज पर रंग का इस्तेमाल कर रहे हो ये सीधा कलर साइकोलॉजी से जोड़ कर देखा जाता है।
ये रंग है खास
रंगों की भूमिका को समझने के लिए उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है। वो श्रेणियां है गर्म, ठंडी और तटस्थ। गर्म रंग में लाल, पीले और भूरे शामिल है ये रंग जीवंत, रोमांचक और मजबूत होते हैं। इन रंगों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा सामाजिक गतिविधि, बातचीत और आशावाद को प्रेरित करने के लिए किया जाता है।
इसके अलावा नीले, हरे और बैंगनी रंगों को शांत रंग की श्रेणी में गिना जाता है। ये व्यक्ति के मन में गहरी सोच की भावना उत्पन्न करते हैं। इन्हें ठंडा रंग भी माना जाता है। ये दिमाग शांत और मन को खुशहाल बनाने के लिए फायदेमंद होता है।
वहीं तटस्थ रंग की श्रेणी में सफेद, ग्रे, बेज और काले जैसे रंग शामिल है। ये लोगों के मन में अंतरिक्ष, सद्भाव और लालित्य की भावना पैदा करते हैं। इन रंगों का इस्तेमाल आजकल सबसे ज्यादा लोग कर रहे हैं।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।