General Knowledge: उगता और ढलता हुआ सूरज हमेशा से ही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। क्योंकि यह बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। दरअसल जब भी हम सूर्योदय या सूर्यास्त देखते हैं, तो सूरज का रंग लाल होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सूरज उस समय लाल ही क्यों दिखता है? यदि आपके मन में भी यही सवाल आता है तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे का कारण पृथ्वी का वातावरण और विज्ञान की एक दिलचस्प प्रक्रिया है। तो चलिए आज इस खबर में इसे विस्तार से समझते हैं।
दरअसल जैसा ही हम सब यह जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है, इसी वजह से दिन और रात की स्थिति उत्पन्न होती है और मौसम में बदलाव आते हैं। वहीं दिन के समय सूरज का रंग सामान्यतः सफेद या हल्का पीला होता है, लेकिन सूर्योदय और सूर्यास्त के समय वह लाल दिखाई देता है। हम आपको बता दें कि इसके पीछे का कारण पृथ्वी का वातावरण है, जो सूर्य की रोशनी को प्रभावित करता है।
इसमें वातावरण की होती है प्रमुख भूमिका:
जानकारी दे दें कि पृथ्वी के वातावरण में कई तरह के कण और गैसें होती हैं। इनमें धूल, कण, और अन्य गैसें शामिल होती हैं जो सूर्य की रोशनी को बिखेरती हैं। दरअसल रिपोर्ट्स के मुताबिक जब सूरज क्षितिज के पास होता है, तो सूरज की रोशनी को पृथ्वी के वातावरण की एक मोटी परत से होकर गुजरना पड़ता है। जिसके चलते सूरज की किरणों की नीली और बैंगनी रोशनी ज्यादा बिखर जाती है। वहीं केवल लाल, नारंगी और पीली रोशनी ही हमारी आंखों तक पहुंच पाती है। बस इसी कारण के चलते सूरज उगते और ढलते समय हमें लाल दिखाई देता है।
दिन के समय में यह है अंतर:
वहीं अगर हम दिन के समय की बात करें तो दिन के समय में सूर्य आसमान के बीच में होता है, और उसकी रोशनी को वातावरण की पतली परत से ही गुजरना पड़ता है। इसलिए, उस समय रोशनी ज्यादा बिखरती नहीं है और हमें सूरज का रंग सफेद या हल्का पीला दिखाई देता है।
दरअसल सूर्योदय और सूर्यास्त का लाल रंग एक प्राकृतिक और वैज्ञानिक प्रक्रिया का ही नतीजा है, हालांकि इसमें पृथ्वी का वातावरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसके चलते हम सभी को इतना अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है जो हमें न केवल प्रकृति की सुंदरता का अहसास कराता है, बल्कि विज्ञान की जटिलताओं को भी समझने का मौका देता है।