Raksha Bandhan 2022 : भूलकर भी न बांधे भद्रकाल में राखी, हो सकता है अनिष्ट, देखिये मुहूर्त

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) बस आने को है और घर घर में इसे लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं। भाई की कलाई पर बांधने के लिए राखियों से बाजार सज गए हैं, भाईयों ने बहनों को देने के लिए गिफ्ट चुन लिए हैं और इस दिन क्या पकवान बनेंगे उनकी लिस्ट बनने लगी है। लेकिन इस सारी तैयारियों के बीच एक जरुरी बात मत भूल जाइयेगा। त्यौहार का महत्व तभी है जब वो शुभ मुहूर्त (Shubh muhurt) में मनाया जाए। और इस बार ज्योतिषीय गणना के अनुसार इसपर भद्रकाल का साला रहेगा।

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भद्रकाल को अशुभ माना जाता है और रक्षाबंधन पर इस समयावधि में राखी नहीं बांधी जाती है। भद्रकाल में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसके पीछे एक मान्यता है। पौराणिक कथानुसार भद्रा शनिदेव की बहन हैं। कहा जाता है कि जब छाया माता के गर्भ से भद्रा का जन्म हुआ तो समूची सृष्टि में तबाही आने लगी। जहां भी कुछ शुभ कार्य होता, भद्रा वहां पहुंचकर सब नष्ट कर देती इसीलिए इसे अशुभ माना जाता है। ये भी कहा जाता है कि रावण की बहन ने उसे भद्राकाल में राखी बांधी थी और यही उसके विनाश का कारण बना।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।