What Is Leg Attack: पैरों में लेग अटैक के संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके इलाज की देरी से यह समस्या बड़ी दिक्कतें उत्पन्न कर सकती है। दरअसल यह समस्या क्रिटिकल लिम्ब इस्कीमिया सीएलआई (CLI) के रूप में जानी जाती है, जिसमें पैरों की नसों में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है और खून का दौरा बंद हो जाता है। यह समस्या मधुमेह के रोगियों में अधिक होती है, जिनमें सालाना 20 प्रतिशत लोग इस समस्या के शिकार होते हैं।
क्या है इसके कारण और बचाव?
पैर के उस हिस्से में बहुत तेज दर्द होता है, जो चलने में परेशानी का कारण बनता है। खून का दौरा रूक जाने से पैर का वह हिस्सा जहां ब्लड क्लॉट होता है, ठंडा पड़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस समस्या का मुख्य कारण डायबिटीज है, इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल में रखना जरूरी है। धूम्रपान से दूर रहना भी इस समस्या से बचाव में मदद करता है। साथ ही, फिजिकल एक्टिविटी और स्वस्थ डाइट भी इस समस्या से बचाव में मदद कर सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी को नियंत्रित रखना भी महत्वपूर्ण:
अगर आप लेग अटैक से बचना चाहते हैं, तो हेल्दी जीवनशैली बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसमें वजन की नियंत्रण, फिजिकल एक्टिविटी, स्वस्थ डाइट, और नियमित चेकअप शामिल हैं। इस समस्या से बचाव के लिए कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी को नियंत्रित रखना भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेकर उचित दवाइयों का सेवन करें।
दरअसल लेग अटैक की समस्या से बचने के लिए सही दिशा निर्देशित जीवनशैली को अपनाना आवश्यक है। इससे न केवल सेहत बल्कि जीवन की गुणवतता भी बढ़ जाती है। साथ ही, डॉक्टर की सलाह और नियमित चेकअप का भी ख्याल रखना चाहिए।
लेग अटैक के संकेतों को नजरअंदाज न करें। अगर किसी को इन संकेतों का अनुभव होता है, तो उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए। विशेषज्ञों की सलाह पर उपचार करने से यह समस्या समाधान हो सकती है और अन्य संबंधित समस्याओं से बचाव हो सकता है।
(डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)