Marigold Flower Bathing Benefits: हिंदू धर्म में कई सारे फूल पत्तियों का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। सबसे ज्यादा गेंदे के फूल का महत्व हिंदू धर्म में माना गया है। गेंदे के फूल का इस्तेमाल हर त्यौहार में किया जाता है। इसकी फूल की माला भी बनाई जाती है। इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र में भी इस फूल को लेकर काफी ज्यादा महत्व माना गया है।
कहा जाता है कि अगर नहाने के पानी में गेंदे के फूल मिला लिए जाए और उसके बाद स्नान किया जाए तो इससे काफी ज्यादा फायदे जीवन में देखने को मिलते हैं। अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं, तो आज हम आपको नहाने के पानी में गेंदे के फूल डालकर स्नान करने से होने वाले फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं –
भगवान विष्णु का प्रिय है गेंदा
मान्यताओं के अनुसार गेंदे का फूल भगवान विष्णु और बृहस्पति को काफी ज्यादा प्रिय है। इस वजह से इस फूल का इस्तेमाल हर कार्य में किया जाता है। अगर सही तरीके से इस फूल का इस्तेमाल किया जाए तो इसका फल भी प्राप्त होता है।
ऐसे करें नहाने के पानी में गेंदे का इस्तेमाल

गेंदे के फूल को नहाने के पानी में डालकर नहाना काफी ज्यादा फायदेमंद माना गया है। ऐसा करने के लिए गेंदे के फूल की कुछ पत्तियों को तोड़कर उसमें एक चुटकी हल्दी मिला लें और उसे गुरुवार के दिन पानी में डालें और उसे पानी से स्नान करें। आपको काफी ज्यादा फायदा जीवन में देखने को मिलेगा। चलिए जानते हैं इसके क्या-क्या फायदे होते हैं –
गेंदे का फूल नहाने के पानी में मिलाने के फायदे
- अगर नहाने के पानी में गेंदे के फूल मिलाकर स्नान किया जाता है तो इससे शरीर ऊर्जावान बना रहता है। वहीं जीवन में सकारात्मक आती है और अक्षय फल की प्राप्ति भी होती है। कहा जाता है कि गेंदे के फूल को पानी में मिलाकर नहाने से आसपास का वातावरण भी सकारात्मक बना रहता है।
- इतना ही नहीं यह त्वचा के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। ऐसा करने से त्वचा से जोड़ी कई सारी समस्याएं खत्म हो जाती है और त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में भी यह काफी ज्यादा मदद करता है।
- शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में भी गंदे के फूल काफी ज्यादा मदद करते हैं। आप भी ऐसा कर कर देखें, आपको काफी ज्यादा फायदे अपने जीवन में देखने को मिलेंगे।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।





