बच्चे को समझाने से पहले अपनाएं ये 3 बदलाव, खुद ब खुद समझदार बन जाएगा बच्चा

बच्चों को समझाना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप घर के माहौल में कुछ बदलाव लाते हैं, तो उन्हें समझाना आसान हो सकता है। इन बदलावों से न सिर्फ आपका बच्चा खुद ब खुद समझदार बनेगा, बल्कि परिवार के साथ घुल मिलकर रहेगा।

भावना चौबे
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Parenting Tips

Parenting Tips: बच्चों को समझदार और स्मार्ट बनने के लिए माता-पिता अक्सर नए-नए प्रयास करते रहते हैं। जिसके चलते माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को अच्छी-अच्छी बातें समझाते हैं। लेकिन क्या सिर्फ बोलकर समझाने से बच्चे सब कुछ सीख जाते हैं? ज्यादातर माता-पिता का जवाब होगा, नहीं। यही कारण है कि कई बार माता-पिता सोचते हैं, कि उनकी सारी कोशिशों के बावजूद बच्चों का स्वभाव वैसा का वैसा है बिल्कुल नहीं बदला जैसा कि वह चाहते हैं।

सभी माता-पिता को यह बात समझने की जरूरत है, कि बच्चों की परवरिश में केवल बातें नहीं, बल्कि माता-पिता का खुद का व्यवहार और उदाहरण भी बहुत अहम होता है। इसलिए बच्चों को सही रास्ते पर लाने के लिए माता-पिता को अपनी सोच और तरीके में बदलाव लाना जरूरी है।

खुद बनें उदाहरण

सभी माता-पिता को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है, कि बच्चे सुनने से ज्यादा देखी गई बातों से प्रभावित होते हैं। इसलिए अगर आप चाहते हैं, कि आपका बच्चा अच्छा व्यवहार करें, अच्छे से सभी के साथ पेश आए और समझदार बने तो आपको इसके लिए बच्चों को केवल बोलने की बजाय खुद उदाहरण पेश करना चाहिए। जब बच्चे आपके सामने उदाहरण देखेंगे, तो वह खुद से सीखेंगे और अपने व्यवहार में बदलाव लाने की कोशिश करेंगे।

पहले खुद को सुधारें

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों की हरकतों में सुधार आए तो सबसे पहले आपको अपने आप को उनके सामने उदाहरण बनाकर पेश करना होगा। यानी सबसे पहले आपको खुद को बदलना होगा। अपने व्यवहार पर ध्यान दें, घर परिवार में रह रहे सदस्यों के व्यवहार पर ध्यान दें और नियंत्रण रखें। बच्चों के सामने ऐसा कुछ ना करें जिसकी आप उनसे अपेक्षा नहीं करते। उदाहरण के लिए समझते हैं, कि अगर आप बच्चों के सामने गाली या फिर अपशब्द कहते हैं, तो ऐसे में बच्चा भी, यह सब सीख जाता है।

सम्मान करना सिखाएं

बच्चों के समझदार होने का एक सबसे बड़ा पैमाना है कि वह दूसरों का कितना सम्मान करते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा लोगों का सम्मान करें तो सबसे पहले आपको खुद भी सबका सम्मान करना सीखना होगा। घर में एक अच्छे माहौल में रहना बहुत जरूरी है। घर की सदस्यों का अपमान ना करें, किसी को भी उल्टा जवाब ना दें, घर में जितना अधिक सम्मान होगा बच्चा भी उतना ही दूसरों के प्रति नम्र और सम्मानित बनेगा।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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