Parenting Tips: बच्चों को परफेक्ट बनाने की होड़ पर सकती है भारी, माता-पिता के मानसिक स्वास्थ पर पड़ता है बुरा असर

Parenting Tips: बच्चे पर पढ़ाई का दबाव सिर्फ उसी पर ही नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता, बल्कि माता-पिता की मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर डालता है। अत्यधिक चिंता, तनाव और थकान जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

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Parenting Tips: हर माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है कि उनका बेटा पढ़ लिखकर अच्छा इंसान बने और जीवन में खूब तरक्की करें। इसके चलते माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी से अच्छी परवरिश करते हैं और उन्हें सारी सुख सुविधा उपलब्ध कराते हैं जिससे कि उन्हें जीवन में किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी का सामना न करना पड़े। लेकिन माता-पिता की यह एक सबसे बड़ी गलती होती है कि वह हमेशा अपने बच्चों को दूसरों बच्चों से कंपेयर यानी अपने बच्चों की दूसरे बच्चों से तुलना करते रहते हैं। हर माता-पिता को ये समझना चाहिए कि दुनिया में मौजूद हर बच्चा दूसरे बच्चों से अलग होता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे-वैसे माता-पिता उसे नई-नई चीज़ सिखाते हैं साथ ही साथ यह भी उम्मीद करते हैं कि वह हर चीज को सिखने में अपना बेस्ट दे साथ ही साथ अपने बच्चों की परफॉर्मेंस के लिए हमेशा उन पर प्रेशर डालते रहते हैं, और अगर बच्चा अच्छा परफॉर्म नहीं कर पता है तो ऐसे में माता-पिता खुद भी टेंशन लेते हैं और बच्चों को भी टेंशन देते हैं, जिससे न सिर्फ बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है बल्कि माता-पिता का भी मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है, आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि अगर आप अपने और अपने बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखना चाहते हैं तो आपको कभी भी अपने बच्चों पर प्रेशर नहीं बनना चाहिए साथ ही साथ और क्या-क्या नहीं करना चाहिए वह भी आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे।

परफेक्शन की होड़

बच्चे में परफेक्शन लाने की चाहत रखना स्वाभाविक है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें इस लक्ष्य के पीछे न दौड़ाएं। अत्यधिक दबाव और अपेक्षाएं बच्चे में तनाव और चिंता पैदा कर सकती हैं, जिससे उनका प्रदर्शन उल्टा भी हो सकता है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हर बच्चा अलग होता है और उसकी अपनी क्षमताएं और सीमाएं होती हैं। हमें उनसे उनकी क्षमता से अधिक की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय, हमें बच्चों को उनका सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें उनकी कोशिशों और प्रगति के लिए सराहना करें, और गलतियों को सीखने के अवसर के रूप में देखें।

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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग रंग होता है, यह इतना चमकदार रंग होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा की कलम में बहुत ताकत होती है, इस कलम की ताकत को बरकरार रखने के लिए हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से बीए स्नातक किया। मैं अब आगे इसी विषय में DAVV यूनिवर्सिटी से स्नाकोत्तर कर रही हूं। मेरा पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू ही हुआ है। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग, वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली, धर्म इन विषयों पर लिखना अच्छा लगता है।