क्या आपके बच्चे में भी है आत्मविश्वास की कमी? चिंता न करें, इन आसान टिप्स से बढ़ाएं हिम्मत

Parenting Tips: क्या आपके बच्चे में आत्मविश्वास की कमी है। हर माता-पिता की तरह, आप भी अपने बच्चे को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ आसान उपाय कर सकते हैं। इनके जरिए आप न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं, बल्कि उन्हें जीवन में चुनौतियों का सामना करने की ताकत भी दे सकते हैं।

भावना चौबे
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Parenting Tips: बच्चों की परवरिश में माता-पिता का बहुत बड़ा हाथ होता है। सभी माता-पिता अपने बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं कि क्या वे उन्हें अच्छे संस्कार सिखा पाएंगे? क्या उनके बच्चे दुनिया को समझ पाएंगे। ऐसे में छोटी उम्र में ही माता-पिता बच्चों को पढ़ाई लिखाई से लेकर अलग-अलग गतिविधियों में अव्वल बनाने का प्रयास करते हैं।

लेकिन कई पेरेंट्स की यह शिकायत रहती है कि उनका बच्चा पढ़ाई लिखाई में अच्छा है लेकिन उसमें आत्मविश्वास की कमी है। लोगों से बातचीत करने में बच्चा कतराता है, चार लोगों को देखकर बच्चा अंदर से डर जाता है, सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से बच्चा दूर भागता है, जब बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है तो बच्चे अक्सर अपने घर में और घर के चार लोगों के आसपास ही रहना पसंद करते हैं, लेकिन इससे उनके ग्रोथ रुक सकती है। ऐसे में क्यों ना पेरेंट्स कुछ टिप्स अपनाएं और अपने बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं।

आत्मविश्वास ऐसे बढ़ाएं

आत्मविश्वास बच्चों के विकास का एक अहम हिस्सा होता है जो उन्हें अपनी क्षमताओं का सम्मान करना सिखाता है। जो बच्चों का आत्मविश्वास कम होता है तो वह खुद को अक्सर आलोचना का शिकार बनाते हैं, असफलता से डरते हैं और नई चुनौतियों का सामना करने से कतराते हैं। यह समस्याएं न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है बल्कि उन्हें अपने लक्षण की ओर बढ़ने से भी रोक सकती हैं।

बच्चों को खुद निर्णय लेने दें

बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए माता-पिता को कुछ आसान उपाय अपनाना चाहिए सबसे पहले बच्चों को समस्याओं को हल निकालने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वह खुद चुनौतियों का सामना कर सकें। जो बच्चे कोशिश करें तो उनकी सराहना करें इससे उन्हें लगेगा कि उनकी मेहनत की कद्र होती है। अक्सर बच्चों को खुद निर्णय लेने का मौका दें इससे उनके निर्णय में भरोसा बढ़ेगा।

घर का माहौल

घर का माहौल बच्चों की आत्मविश्वास और आत्म सम्मान पर एक बहुत बड़ा असर डालता है। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि बच्चों के लिए एक ऐसा सुरक्षित माहौल बनाना जरूरी है जहां वे बिना किसी डर की अपने विचार साझा कर सके और जोखिम लेने से सहज महसूस करें। इस माहौल में बिना शर्त, प्यार खुली बातचित, जोखिम लेने के लिए प्रोत्साहन शामिल होना चाहिए।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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