Planting Tips: मोगरे के पौधे में फूल खिलना हो गए हैं बंद? अपनाएं ये नुस्खा फिर देखें कमाल

Planting Tips: क्या आप चाहते हैं कि आपके मोगरे का पौधा बार-बार खिले और आपके घर को अपनी मनमोहक खुशबू से भर दे? तो फिर बस जड़ के पास यह सीक्रेट इंग्रीडिएंट डालें! यह इंग्रीडिएंट कोई और नहीं, बल्कि घरेलू नुस्खा है जो आपके मोगरे के पौधे को तेजी से बढ़ने और अधिक फूल उगाने में मदद करेगा। तो चलिए जानते है।

Bhawna Choubey
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Planting Tips: बहुत लोगों को घर में पौधे लगाने का शौक होता है। अपनी इस शौक के चलते लोग घर में तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाते हैं। इन्ही फूलों वाले पौधे में से एक है मोगरे का पौधा। मोगरे का पौधा अपने सफेद चमकीले फूल और महक की खुशबू के लिए प्रसिद्ध है। इसके फूल बहुत ही सुंदर और आकर्षित लगते हैं। लेकिन कई लोगों की यह शिकायत रहती है कि जब हम पौधे को लगाते हैं तो एक बार फुल जरूर खेलते हैं लेकिन फिर फूल खिलना बंद हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इसका क्या उपाय है, अगर नहीं तो चलिए इस लेख के द्वारा समझते हैं। इस लेख के द्वारा आज हम आपको एक ऐसा प्राकृतिक नुस्खा बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप मोगरे के पौधे को फूल से भर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं।

कैसे बनाएं नुस्खा

सामग्री:

1 मुट्ठी गुड़
1 गिलास पानी

विधि:

1. गुड़ को पानी में अच्छी तरह घोल लें।
2. इस घोल को मोगरे के पौधे की जड़ों में डालें।
3. यह घोल मिट्टी में अच्छी तरह से सोखने दें।

इसे कब डालें

आप यह घोल महीने में एक बार डाल सकते हैं।
बारिश के मौसम में इसे अधिक बार करें।
गुड़ में प्राकृतिक चीनी होती है जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और पौधे को तेज से बढ़ने में मदद करती है। पानी मिट्टी को गीली रखता है और पौधे को पानी की कमी से बचाता है।

क्यों नहीं खिलते हैं फूल

कई बार पौधे नर्सरी से लाने के बाद खूब फूल देते हैं, लेकिन फिर दोबारा फूल नहीं देते। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे पौधों को फूलने के लिए पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है। यदि उन्हें पर्याप्त रोशनी नहीं मिलती है, तो वे फिर से फूल नहीं सकते हैं। पानी की कमी या अधिकता: पौधों को नियमित रूप से पानी देना आवश्यक है, लेकिन अधिक पानी या कम पानी देना भी उनके फूलने में बाधा डाल सकता है। पौधों को फूलने के लिए पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। यदि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, तो वे फिर से फूल नहीं सकते हैं। कुछ रोग और कीट पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उनके फूलने में बाधा डाल सकते हैं। कुछ पौधों को ठंडे या गर्म तापमान की आवश्यकता होती है। यदि तापमान अनुचित है, तो वे फिर से फूल नहीं सकते हैं।
लेकिन चिंता न करें।

कब और कितना फ़र्टिलाइज़र डालना चाहिए

जब हम गमले में पौधे लगाते हैं, तो मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व धीरे-धीरे कम होते जाते हैं। इसलिए, गमले में लगे पौधों को नियमित रूप से फ़र्टिलाइज़र की आवश्यकता होती है। लेकिन ध्यान रखें कि गमले में लगे पौधों के लिए ज्यादा या कम खाद डालना दोनों ही गलत है। ज़्यादा खाद डालने पर पौधे जल सकते हैं
और फूल और फल काले हो सकते हैं। कम खाद डालने पर मिट्टी को पर्याप्त पोषण नहीं मिलेगा और फूल नहीं आएंगे। तो गमले के पौधों को कितना फ़र्टिलाइज़र डालना चाहिए? पौधे की प्रजाति और उसकी विकास अवस्था के अनुसार फ़र्टिलाइज़र चुनें। निर्माता द्वारा दी गई हिदायतों का पालन करें। सामान्य तौर पर महीने में एक बार फ़र्टिलाइज़र डालना पर्याप्त होता है। बढ़ते मौसम में आप थोड़ा अधिक उर्वरक डाल सकते हैं। सर्दियों में फ़र्टिलाइज़र का उपयोग कम करें।

कब और कितना देना चाहिए पानी

मोगरे के पौधे को स्वस्थ रखने के लिए पानी देना महत्वपूर्ण है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा पानी देना नुकसानदायक हो सकता है। कम पानी देना भी गलत है। तो, मोगरे को कितना पानी देना चाहिए? मिट्टी को सूखने न दें, लेकिन गीली भी न रखें। अंगुली डालकर जांचें, अगर ऊपरी 1 इंच सूखी लगे तो पानी दें। दोपहर में कभी भी पानी न दें, क्योंकि गर्मी में पानी भाप बनकर जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। सुबह या शाम का समय सबसे अच्छा होता है। गमले में जल निकासी के छेद होने चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके। गमले में पानी जमा न होने दें, यह जड़ सड़न का कारण बन सकता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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